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ओडिशा_के_मुख्यमन्त्री_नवीन_पटनायक_कड़े_प्रशासक

15 नवम्बर 2021– (#ओडिशा_के_मुख्यमन्त्री_नवीन_पटनायक_कड़े_प्रशासक) —

नौकरी को लेकर दो स्थापित कथन है। निजी क्षेत्र मे कथन है हायर एंड फायर। यानि निजी क्षेत्र के कर्मचारी या अधिकारी को नौकरी से कभी भी कारण या बिना कारण से निकाला जा सकता है। सरकारी क्षेत्र के लिए कथन है हायर एंड रिटायर। यानि कि एक बार सरकारी नौकरी मे आप आ गये तो आप रिटायरमैंट तक जमे रहेगें। इस बात का सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को घमंड भी खूब है। विशेष कर अधिकारियों का दावा है कि असली सरकार हम है और चुने हुए जनप्रतिनिधि तो पांच साल के मेहमान है। आज के अधिकांश राजनेता अधिकारियों के इस घंमड के सामने अपने आप को असहाय महसूस करते है, परन्तु ओडीशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने सफलतापूर्वक अफसरों के रिटायरमैंट तक अमर रहने के घमंड को तोड़ दिया है। असल मे यदि अधिकारी जनहित मे होने वाले कार्यों की अनदेखी करते है तो जनप्रतिनिधि मूकदर्शक कैसे रह सकता है। उन्होने 2019 से आज तक ऐसे 130 सरकारी अधिकारियों को सेवा से हटा दिया है जो भ्रष्टाचार के मामलो का सामना कर रहे थे या उन पर अनैतिकता,अक्षमता या कार्य मे निष्ठा की कमी के आरोप थे।

अभी हाल ही मे एक बार फिर ओडीशा सरकार मे इसी श्रेणी के आठ अधिकारियों को नोटिस जारी कर तत्काल प्रभाव से सेवानिवृत्त दे दी है। उल्लेखनीय है उन आठ अधिकारियों मे तीन अधिकारी ओडीशा प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। नवीन पटनायक ने कहा है कि यह कार्यवाई अनैतिकता, अक्षमता या कार्य के प्रति निष्ठा मे कमी के किसी भी कृत्य को कतई भी बर्दाश्त न करने की नीति के चलते की गई है। स्मरण करें 1990 मे इसी प्रकार एक अधिकारी श्री ए के वासुदेवा को जो की सोलन के जिला शिक्षा अधिकारी के पद पर थे से अनिवार्य सेवानिवृत्त किया गया था। हांलाकि उस समय अयोध्या की घटना को लेकर हिमाचल की सरकार बर्खास्त हो गई थी और विभाग की ओर से सरकार की गैर हाजिरी मे ठीक पैरवी न होने के कारण प्रशासनिक ट्रिब्यूनल ने शिक्षा अधिकारी को बहाल कर दिया था, लेकिन उस समय मेरी एक जनप्रतिनिधि के नाते वही भावना थी जो आज ओडीसा मे श्री नवीन पटनायक की है। मै उनके ऐसे निर्णय के लिए उन्हे साधुवाद देता हूँ और यह बात दावे के साथ कह सकता हूँ कि ऐसी कार्रवाई वही मुख्यमन्त्री या जन प्रतिनिधि कर सकता है जिसका अपना दामन साफ हो। यह जनप्रतिनिधि का कर्तव्य भी है। जनहित मे उसे कठोर से कठोर कदम उठाने के लिए तत्पर रहना चाहिए।

नोट- (ओडीशा की जानकारी प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक से जुटाई गई है)

M.N Sofat Ex Minister Himachal

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