बिक रही हैं एमटीएनएल बीएसएनएल के संपत्तियां
22 नवम्बर 2021–पाठकों के लेख लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार

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प्रतिष्ठित अंग्रेजी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार एम टी एन एल और बी एस एन एल की लगभग 970 करोड़ की सम्पत्तियों को बेचा जा रहा है। हालांकि यह सब सरकार की कुछ समय पहले घोषित सम्पत्ति मुद्रीकरण योजना के अन्तर्गत हो रहा है। सरकार ने इस योजना के अंतर्गत 6 लाख करोड़ रूपए जुटाने का लक्ष्य तय कर रखा है। बी एस एन एल की सम्पतियां हैदराबाद, चंडीगढ, भावनगर और कोलकाता मे स्थित है, जिन्हे मुद्रीकरण योजना मे लिए लाया गया है और इसकी आरक्षित कीमत 660 करोड़ रखी गई है। एम टी एन एल की सम्पत्तियां गुरुग्राम और मुम्बई मे उपलब्ध है।
अखबार की रिपोर्ट के अनुसार इन सम्पत्तियों की ई बोली 14 दिसंबर को होगी। हालांकि सारी प्रक्रिया बिक्री जैसी ही है। लेकिन इसका नाम बदल कर मुद्रीकरण कर दिया गया है। इससे पहले इस योजना को विनिवेश कहा जाता था लेकिन अखबार ने इस योजना के नये नामकरण की अनदेखी करते हुए on sale हैडिंग का प्रयोग किया है। इसका अर्थ यह है कि अखबार के अनुसार बिक्री या विनिवेश या मुद्रीकरण एक ही बात है। यदि तीनों एक ही अर्थ है तो हम इस प्रश्न के साथ आगे बढ़ते है कि क्या देश किसी बड़े आर्थिक संकट का सामना कर रहा है क्योंकि हमने अपने बड़ो से एक ही बात सुनी है कि सम्पत्ति इसलिए बनाई जाती है ताकि, संकट के समय काम आ सके।
मेरे विचार मे सरकार को इस मामले मे स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए क्योंकि जहां तक संसाधनो की बात है बताया जा रहा कि करोना काल के बाद जी एस टी और अन्य करों से जबरदस्त आमदानी सरकार को हो रही है। मिडिया से प्राप्त जानकारी मे ऐसी कोई सूचना नहीं है कि देश किसी बड़ी आर्थिक संकटकालीन स्थिति का सामना कर रहा है, फिर भी अपने फिक्स्ड एसेट हम बेच रहे है। यह विषय गंभीर है और चिंतनीय भी है।