
24 फरवरी 2023- (#राहुल_गांधी_ने_विपक्षी_एकता_की_हवा_निकाल_दी)-

आज से शुरू होने जा रहे रायपुर कांग्रेस महाधिवेशन मे विपक्षी एकता मुख्य मुद्दा है। कांग्रेस दावा कर रही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव मे कांग्रेस के नेतृत्व मे विपक्षी गठबंधन को भाजपा के विकल्प के तौर पर पेश किया जाएगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे तो एक कदम आगे बढ़ कर दावा कर रहे है कि 2024 मे कांग्रेस अन्य विपक्षी सहयोगी पार्टियों के साथ मिल कर सरकार बनाएगी। मेरे विचार मे लोकतंत्र मे दावा करने और सपने देखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है, परन्तु आप अपने सपने को साकार करने के लिए क्या कर रहे हो इसकी समीक्षा भी जरूरी है। एक तरफ कांग्रेस विपक्षी एकता का सपना देख रही है दुसरी ओर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस को भाजपा की ऐंजट बता रहे है।
स्मरण रहे हाल ही मे शिलांग मेघालय मे एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए पश्चिम बंगाल मे व्याप्त भ्रष्टाचार और स्कैंडल को लेकर राहुल गांधी ने टी एम सी पर जबरदस्त हमला बोला और कहा कि यह पार्टी भाजपा की ऐजंट है और यह भाजपा की सहायता करने के लिए चुनाव लड़ती है। उन्होने अपनी बात को स्पष्ट करते हुए कहा टी एम सी ने गोवा का चुनाव लड़ा और खूब खर्च किया और उनका उद्देश्य केवल भाजपा को लाभ पहुंचाना था। राहुल गांधी के इस ब्यान का ममता बनर्जी के भतीजे और टी एम सी के महासचिव अभिषेक बनर्जी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए कहा कि कांग्रेस लगातार चुनाव हार रही है। हमे अपनी ईमानदार राजनीतिक भूमिका के लिए राहुल गांधी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है। बनर्जी ने यह भी कहा कांग्रेस का विपक्षी एकता का सपना तृणमूल कांग्रेस के बिना अर्थहीन होगा। अभिषेक की बात मे दम है पश्चिम बंगाल बड़ा प्रदेश है। वहां से 42 सांसद लोकसभा के लिए चुन कर आते है। आज भी 23 सांसद टी एम सी से संबंधित है। पश्चिम बंगाल के बाहर भी टी एम सी का थोड़ा-बहुत प्रभाव है। मेरी समझ मे राहुल और अभिषेक के इस वाकयुद्ध ने रायपुर महाधिवेशन मे होने वाली विपक्षी एकता की कवायद की आधी हवा निकाल दी। मेरे विचार मे राहुल को इस कथन से सीखना चाहिए था कि” कभी युद्ध जीतने के लिए लड़ाई हारनी पड़ती है”।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।