

27 फरवरी 2023- (#मुख्यमंत्री_सुखविंदर_सिंह_सुख्खू_का_हिमाचल_मे_कांग्रेस_की_जीत_को_लेकर_दिया_गया_ब्यान_अनावश्यक)-
सुखविंदर सिंह सुख्खू हिमाचल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता है। वह प्रदेश युवा कांग्रेस से लेकर हिमाचल कांग्रेस के अध्यक्ष रह चुके है। उन्होने हिमाचल का मुख्यमंत्री बनने तक का लम्बा राजनैतिक सफर तय किया है। निश्चित तौर पर इस राजनैतिक सफर मे उन्होने कड़ा संघर्ष किया होगा। मेरे विचार मे मुख्यमंत्री बनने के बाद उनका कांग्रेस मे राजनैतिक कद और भी बड़ा हो गया है। इसी के चलते छत्तीसगढ़ रायपुर मे हो रहे कांग्रेस महाधिवेशन मे उन्हे अधिवेशन मे राजनैतिक प्रस्ताव पेश करने का अवसर दिया गया। कांग्रेस ने लम्बे समय के बाद हिमाचल मे जीत हासिल की है, इसलिए सुखविंदर सुख्खू को महत्व मिलना स्वभाविक था, लेकिन उनके द्वारा रायपुर (छत्तीसगढ़) मे यह बयान देना कि हिमाचल हिन्दु बहुल प्रदेश है फिर भी कांग्रेस ने जीत हासिल की है। मेरी समझ मे उनका ऐसा ब्यान पूरी तरह अनावश्यक है। क्या वह कांग्रेस को हिन्दु विरोधी मानते है। कांग्रेस के लोग भी हिन्दु है तो फिर हिमाचल कांग्रेस की जीत ऐसी कौन सी अप्रत्याशित घटना हो गई है। मुख्यमंत्री हिमाचल के राजनैतिक इतिहास से भलीभांति परिचित है। यहां पिछले तीस वर्षों मे हर पांच साल बाद सरकार बदलने का इतिहास रहा है, फिर मौजूदा सरकार का कुछ न कुछ नकारात्मक वोट प्रतिशत भी रहता है।
इस बार के चुनाव विश्लेषण के बाद राजनैतिक विश्लेषक इस निष्कर्ष पर पहुंचे है कि ओ पी एस एक बड़ा चुनावी मुद्दा था। दुसरा यह भी सत्य है की आपकी पार्टी की लोकलुभावनी गारंटीयों ने कांग्रेस को जीत दिलाने मे बड़ी भूमिका अदा की है। यह भी सत्य है कि प्रतिद्वंदी पार्टी भाजपा के बागी उम्मीदवारों ने भाजपा का खेल खराब कर कांग्रेस की जीत का रास्ता साफ कर दिया था। मुख्यमंत्री जी का उपरोक्त बयान इसलिए भी अप्रासंगिक है क्योंकि हिमाचल के चुनाव मे हिन्दुत्व कोई मुद्दा नहीं था। वैसे भी कांग्रेस के वरिष्ठ नेता स्वर्गीय वीरभद्र सिंह जी की छवि हमेशा हिन्दु समर्थक रही है। वह पहले ऐसे मुख्यमंत्री थे जिन्होने धर्मान्तरण के खिलाफ कानून बना कर पहल की थी। मुझे स्मरण है उस समय हिन्दु संगठनो ने औपचारिक तौर पर स्वर्गीय वीरभद्र सिंह का धन्यवाद किया था। स्मरण रहे कांग्रेस ने हिमाचल मे हुए चार उपचुनावों और हिमाचल के विधानसभा चुनावों मे स्वर्गीय वीरभद्र सिंह के नाम पर ही वोट मांगें थे। मुख्यमंत्री जी कई बार उपरोक्त बयान दोहरा चुके है जो न तो प्रासंगिक है और न ही जरूरी है। मेरी समझ मे इस बयान से हिन्दुओं को जरूर गलत सन्देश जा सकता है।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।