*दिल्ली_आबकारी_नीति_मामला महेंद्र नाथ सोफत*
28 फरवरी 2023- (#दिल्ली_आबकारी_नीति_मामला)-
दिल्ली केजरीवाल सरकार द्वारा निर्मित नई आबकारी नीति जिसके निर्माण मे दिल्ली के उप- मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की मुख्य भूमिका बताई जा रही है लगभग पिछले एक साल से मीडिया की सुर्खियां बटोर रही है। इस नीति को बनाने का उद्देश्य शराब के कारोबारियों को लाभ पहुंचाना बताया जा रहा है। सी बी आई का आरोप है कि इस नीति के निर्माण के एवज मे बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है और दिल्ली की केजरीवाल सरकार शक के घेरे मे है। इस मामले मे लगभग एक वर्ष से जांच चल रही है और सैंकड़ो लोगो से पूछताछ हो चुकी है। रविवार को सीबीआई ने गहन जांच और आठ घंटे की पूछताछ के बाद मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया है। आम आदमी पार्टी के नेता और दिल्ली के मुख्यमंत्री इस गिरफ्तारी को राजनीति से प्रेरित और बदले भावना से की गई कार्रवाई बता रहे है। मै इस मामले मे कोई टिप्पणी नहीं करना चाहता हूँ। अब जब गिरफ्तारी हो चुकी है तो इसकी न्यायिक विवेचना होगी और अदालत ही तय करने का अधिकार रखती है कि क्या सीबीआई द्वारा लगाए गए आरोप ठीक है या गलत है।
एक मौजूदा उप-मुख्यमंत्री का गिरफ्तार किया जाना छोटी बात नहीं है। निश्चित तौर पर अदालत इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए इस सारे मामले पर गंभीरता से विचार करेगी। खैर गिरफ्तारी से पहले मनीष ने अपने समर्थकों को सम्बोधित करते हुए अपने-आप को भगत सिंह का अनुयायी बताया और कहा कि वह देश लिए कोई भी कुर्बानी देने को तैयार है। मेरे विचार मे यह सब कहना बड़ा सरल है लेकिन भगत सिंह का सच्चा अनुयायी बनना बहुत कठिन है। भगत सिंह ने बिना किसी पद की लालसा के भरी जवानी मे देश की आजादी के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी थी, लेकिन कथित भगत सिंह अनुयायी तो गिरफ्तार होने के बावजूद अपने पद से त्यागपत्र देने को तैयार नहीं है। इससे पहले भी आम आदमी सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन लम्बे समय से जेल बंद है। न उन्होने त्यागपत्र दिया और न ही केजरीवाल ने उन्हे बर्खास्त किया। केजरीवाल भी इन दोनो को क्लीन चिट दे चुके है और दोनो की तुलना भी भगत सिंह से कर चुके है। मेरी समझ मे मंत्री पद पर रहते हुए जेल मे व्यक्ति का बंद होना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान है और भ्रष्टाचार के आरोप मे बंद नेताओ की तुलना राष्ट्रीय नायक शहीद भगत सिंह करना उस महान शहीद का अपमान है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।