
01 मार्च 2023– (#एम_वी_आई_के_खिलाफ_विजिलेंस_की_एफ_आई_आर_दर्ज)–

सरकारें बदल जाती है लेकिन भ्रष्टाचार बराबर जारी रहता है। असल मे अब भ्रष्टाचार शिष्टाचार मे परिवर्तित हो गया है। कुछ विभाग या अधिकारी रिश्वत लेकर काम करना अपना जन्मसिद्ध अधिकार समझते है। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक मे छपी खबर के अनुसार विजिलेंस एंड एंटी करप्शन ब्यूरो सोलन की टीम ने एम.वी.आई सुमीर दत्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया है। स्मरण रहे विजिलेंस प्रदेश के विभिन्न हिस्सो मे बने हैवी व्हीकल लाईसेंस के मामले मे जांच कर रही है। इसी जांच के दौरान विजिलेंस के ध्यान मे आया कि एम.वी.आई के खाते मे ड्राइविंग स्कूल संचालक ने 21 लाख रुपए ट्रांसफर किए है। इस प्रकार विजिलेंस को सन्देह है कि एम.वी.आई और ड्राइविंग स्कूल संचालक मिल कर फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस बनाने का रॉकेट चला रहे थे। खैर अभी जांच जारी है, लेकिन अखबार की रिपोर्ट के अनुसार ड्राइविंग स्कूल संचालक जगदीश कुमार के खातो से समीर और उसके रिश्तेदारो के खातो मे बड़ी रकम का ट्रांसफर होने के सबूत विजिलेंस के हाथ लग चुके है। मेरी समझ मे स्कूल संचालक ड्राइविंग सिखाने के नाम पर और ड्राइविंग स्कूल चलाने की आड़ मे फर्जी लाइसेंस बनवाने का धंधा कर रहा होगा और एम.वी.आई की इसमे मिलीभगत साफ नजर आ रही है।
इसी प्रकार हमीरपुर कर्मचारी चयन बोर्ड मे पेपर लीक कांड मे एक एकेडेमी के संचालक की संलिप्ता पाई गई थी। वैसे तो दुर्भाग्य से अब भ्रष्टाचार सर्वव्यापी हो गया है। किसी को अलग से टार्गेट करना ठीक नहीं है, लेकिन यह सच्चाई है की मोटर व्हीकल इंस्पेक्टरो की छवि इस मामले मे काफी खराब है। अपवाद जरूर हो सकते है। स्मरण रहे पिछले साल दाड़लाघाट के पर्यटन विभाग के होटल मे एक एम.वी.आई को एक दलाल के साथ लाखों रूपए का हिसाब करते और लाखों रूपए की नगदी के साथ गिरफ्तार किया गया था। मेरे विचार मे जहां एम.वी.आई ड्राइविंग की ट्राई लेते है वहां सीसीटीवी कैमरो की व्यवस्था होनी चाहिए और इसका सीधा लिंक आर एल ए के दफ्तर मे होना चाहिए। इन कैमरो की रिकार्डिंग तीन मास तक सुरक्षित रखी जानी चाहिए। हालांकि लाइसेंस का फर्जीवाड़ा रोकने के लिए समय-समय पर कदम उठाए गए है, लेकिन फिर भी अभी पारदर्शीता लाने के लिए और कदम उठाने की जरूरत है। मेरा कैमरे लगाने का सुझाव भी एक कदम हो सकता है।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।