*Editorial राहुल_गांधी_की_चुनावी_राजनीति_पर_प्रश्न_चिह्न M N Sofat Ex MinisterHP*
26 मार्च 2023- (#राहुल_गांधी_की_चुनावी_राजनीति_पर_प्रश्न_चिह्न)-
राहुल की लोकसभा की सदस्यता रद्द होने के कारण अब उनकी चुनावी राजनीति पर प्रश्न चिह्न लग गया है। उनकी सजा और सदस्यता निरस्त होने पर राजनीति गर्म है। दोनो तरफ से आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे है। कांग्रेस इसे लोकतंत्र का काला अध्याय बता रही है और भाजपा मोदी सरनेम को पिछड़ा वर्ग के साथ जोड़कर राहुल की आलोचना कर रही है। यह सही है कि बिजली की गति से लोकसभा सचिवालय ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी और इसकी अधिसूचना जारी कर दी। अब कांग्रेस सूरत की अदालत के फैसले को ऊपर की आदलत मे चुनौती देने की बात कर रही है। हालांकि लोकसभा सचिवालय की कार्रवाई के बाद अदालती हस्तक्षेप की संभावनाए भी सीमित है।
अदालतों की सुस्त प्रक्रिया के कारण राहत देने मे समय लग सकता है जबकि 2024 का लोकसभा चुनाव सामने दिखाई दे रहा है। मेरी समझ मे राहुल की चुनावी राजनीति को बचाने के लिए ऊपरी अदालत से दोष मुक्त होना या कम से कम सजा का दो वर्ष से कम होना अति जरूरी है। मेरे विचार मे कांग्रेस की कानूनी टीम की ओर से राहुल गांधी को राहत दिलाने की एक कोशिश वीरवार को ही होनी चाहिए थी। पहले से तैयार वकील हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट मे सजा पर स्टे की अर्जी लगा सकते थे। इस कोशिश के परिणाम सकारात्मक हो सकते थे और राहुल की सदस्यता और चुनावी राजनीति बच सकती थी। कांग्रेस को भलीभांति भाजपा सरकार की कुछ विशेष मामलो मे बिजली की गति से काम करने की कार्यपद्वति से परिचित होना चाहिए था और सावधान रहना चाहिए था।
कथन है “सावधानी हटी दुर्घटना घटी”
कांग्रेस के इस आरोप और तर्क मे कोई दम नही है कि यह सब भाजपा राजनैतिक प्रतिशोध के चलते करवा रही है क्योंकि राहुल को जो सजा हुई है वह एक न्यायिक प्रक्रिया के अंतर्गत हुई है। जब यह मुकादमा दायर हुआ था उस समय राहुल के पास दो विकल्प थे। एक विकल्प था कि अरविंद केजरीवाल की तर्ज पर अपने वक्तव्य पर खेद व्यक्त कर देते। दूसरा मुकदमे का सामना करते। उन्होने दूसरा विकल्प चुना परिणाम सामने है। अब यह चुनौती है।मेरी समझ मे हर चुनौती अवसर होती है। व्यक्ति अपनी क्षमता से चुनौती को अवसर मे बदल सकता है। राहुल की सजा के बाद लगभग सारा विपक्ष राहुल के समर्थन मे नजर आ रहा है। यदि राहुल अपनी चिंता छोड़कर सारे विपक्ष को सत्तारूढ दल का मुकाबला करने के लिए एक कर पाते है तो माना जाएगा कि उन्होने चुनौती को अवसर मे बदल दिया है।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।