*Editorial:भारत_ने_चीन_को_पछाड़कर_पहला_स्थान_हासिल_किया*MN SOFAT*



21 अप्रैल 2023- (#भारत_ने_चीन_को_पछाड़कर_पहला_स्थान_हासिल_किया)-
किसी देश को पछाड़कर आगे बढ़ना गौरव की बात होनी चाहिए, लेकिन मेरी समझ मे जनसंख्या वृद्धि मे चीन को पछाड़कर आगे निकल जाना गौरव की नहीं नासमझी की बात है। हांलाकि हमारे पास अपनी राष्ट्रीय जनगणना के आंकडे उपलब्ध नहीं है। जैसा कि सर्वविदित है 2021 मे होने वाले जनगणना कार्य को कोविड महामारी के कारण स्थगित कर दिया गया था, परन्तु यूएन रिपोर्ट के अनुसार भारत की जनसंख्या 142.86 करोड़ हो गई है। हमने 29 लाख की आबादी अधिक होने के चलते चीन को पछाड़कर दुनियाभर मे जनसंख्या के मामले मे पहला स्थान प्राप्त कर लिया है। यह आंकडे भारत सरकार के उन सभी प्रत्यनो की विफलता को उजागर करते है जो जनसंख्या नियंत्रण के लिए किए गए है। मेरे विचार मे मध्यवर्गीय समाज ने जरूर सरकार के परिवार कल्याण के” हम दो हमारे दो” के नारे से प्रभावित होकर इसे अपनाया है, लेकिन आर्थिक तौर पर कमजोर वर्ग जो पढ़ाई मे पिछड़ा हुआ है उसके लिए आज भी अधिक बच्चों का होने का अर्थ है अधिक हाथ और अधिक हाथ अधिक काम। उनका मानना है जितने अधिक हाथ होगें उतनी ही कमाई होगी। देश की बढ़ती जनसंख्या पर जहां चिंतन जरूरी है वहां इसकी विवेचना भी जरूरी है। आरोप है कि एक वर्ग विशेष एक विशेष उद्देश्य के चलते जनसंख्या वृद्धि को प्रोत्साहित कर रहा है, इसलिए वृद्धि पैटर्न का अवलोकन जरूरी है।
भारत को अभी भी घुसपैठियों ने धर्मशाला समझ रखा है। बांग्लादेश से घुसपेठियें लगातार घुसपैठ कर रहे है। इसी प्रकार रोंहगिया मुसलमान भी देश मे गैर कानूनी ढंग से डटे है। अपनी राजनीति के चलते कुछ राजनेता और वकील उनकी पैरवी कर रहे है। मेरी समझ मे हमारी अधिकतम समस्याओ की जड़ मे कारण हमारी बढ़ती जनसंख्या है। कुछ लोग इसे बड़े बाजार के तौर पर देखते हुए अपनी ताकत बताते है, लेकिन मेरा मानना है कि बाजार ही शोषण का केंद्र होता है। कभी 1975 मे कांग्रेस के युवा नेता संजय गांधी ने इस समस्या को समझा और परिवार नियोजन कार्यक्रम को लागू किया था। वह कार्यक्रम गलत समय मे गलत ढंग से लागू किया गया इसलिए फेल हो गया था। हालाँकि उस प्रोग्राम का उद्देश्य सही था। अब समय आ गया है जब जनसंख्या नियंत्रण के लिए कानून बनाना चाहिए। जनसंख्या नियंत्रण और समान आचार संहिता दो कानून ऐसे है जो समय की मांग के साथ देश हित मे है। अन्यथा जो भी देश मे विकास होगा बढ़ती जनसंख्या का दानव उसे निगल जाएगा। वर्तमान मे देश के पास निर्णय लेने की क्षमता रखने वाला नेतृत्व है, इसलिए सारे देश को प्रधानमंत्री जी से उम्मीद है कि वह शीघ्र अति शीघ्र इन कानूनो को पास करवा कर लागू करें।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।