Thursday, September 21, 2023
Mandi/ Palampur/ Dharamshala*नगर निगम पालमपुर में सफाई कर्मियों को नहीं मिला वेतन ,इसके लिए...

*नगर निगम पालमपुर में सफाई कर्मियों को नहीं मिला वेतन ,इसके लिए ठेकेदार जिम्मेवार ,प्रशासन नही* *अनीश नाग उप महापौर*

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*नगर निगम पालमपुर में सफाई कर्मियों को नहीं मिला वेतन ,इसके लिए ठेकेदार जिम्मेवार ,प्रशासन नही* *अनीश नाग उप महापौर*

Anish Nag deputy mayor

नगर निगम पालमपुर में सफाई कर्मियों को नहीं मिला वेतन। जिसके लिए केवल ठेकेदार जिम्मेवार है नगर निगम ने ठेकेदार को पेमेंट कर दी है और निगम ठेकेदार को बार-बार कह रहा है कि वह सफाई का काम नियमित रूप से करवाएं अगर वह नहीं कर रहा है तो यह ठेकेदार की गलती है निगम की नहीं अनीश नाग उप महापौर नगर निगम पालमपुर

नगर निगम पालमपुर में सफाई का काम ठेके पर दिया गया है जिसमें सफाई तथा कूड़े उठाने का ठेका निजी ठेकेदारों को दिया गया है ।नगर निगम द्वारा उस ठेकेदार को नियमित रूप से पेमेंट की जा रही है परंतु खबर है कि ठेकेदार ने आगे यह पेमेंट अपनी कामगारों को ,लेबर को नहीं की जिससे वह लोग काम छोड़ने लगे और हड़ताल पर चले गए। हालात यहां तक बदतर होगे कि जो लोग कूड़ा उठाने घर-घर जाते थे वह लोग हर घर से कुछ ना कुछ मांगने लगे कि उन्हें खाने के लिए भी कुछ नहीं है कृपया उनकी मदद करें ,ठेकेदारों उन्हें पैसे नहीं दे रहा इस तरह का शोषण अगर कोई ठेकेदार या अन्य करता है तो उसके विरुद्ध कार्यवाही होनी चाहिए ।
इसमें नगर निगम का कोई दोष नहीं क्योंकि नगर निगम नियमानुसार ठेकेदार को पेमेंट देने के लिए बाध्य है जो निगम प्रशासन ने कर दी है परंतु अगर आगे वह पेमेंट मजदूर लोगों को नहीं दी गई तो उसमें नगर निगम का कोई दोष नहीं।
हां नगर निगम के काम में अवश्य व्यवधान आ रहा है और मजदूर तथा उपभोक्ता नागरिक दोनों ही परेशान हो रहे हैं ।इस विषय पर शासन प्रशासन को शीघ्र कोई निर्णय लेना चाहिए ताकि लोगों की दिक्कतें दूर हो और मजदूर लोगों की परेशानी भी खत्म हो जाए।

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2 COMMENTS

  1. बेचारे मजदूर लोग घर-घर जाकर कहते हैं कि हमें कुछ मदद चाहिए हमें खाने के लिए पैसे नहीं है

  2. ये बात ठीक है कि निगम ने सफाई ठेकेदार को उसकी पेमेंट कर दी है लेकिन जो गरीब बच्चे सुबह सुबह बड़ी ईमानदारी से घरों से कूड़ा गंदगी उठा कर गाड़ी में डालते हैं और लगभग इन बच्चों का पूरा दिन इसी काम में निकल जाता है, हम तो कूड़े की बाल्टी या डब्बा उठा कर उनके पास दे देते हैं हमारे मन में तब यही ख्याल आता है कि काम खत्म मगर ऐसा कदापि नहीं है ये बच्चे कहीं देर शाम फ्री होते हैं , इनकी कोई भी परवाह नहीं करता , इनकी पेमेंट को लेकर निगम को जरूर हस्तक्षेप करना चाहिए वरना ये कहां जायेंगे और जाहिर सी बात है ये अपनी मजदूरी ही तो मांग रहे हैं अगर ये दो चार दिन कूड़ा न उठाएं तो क्या होगा उसका जरा अंदाजा लगाइए गा , जब जगह जगह कूड़े के अंबार लगेंगे , बदबू आएगी कोई बीमारी फैलेगी तब क्या बनेगा जरा सोचो ? निगम के कर्मचारियों द्वारा इस एवज में तीन तीन महीने की सफाई शुल्क अग्रिम में ले ली जाती है, तो नाग जी , ये बच्चे तो ठेकेदार से क्या बात करेंगे आप ही ठेकेदार से बीच की बात पूछो कि पेमेंट का मसला कहां और क्यों फंस गया, इसका हल तुरंत निकालना चाहिए ,
    डॉ लेख राज मरण्डा

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