

05 मई 2023- (#सुप्रीम_कोर्ट_ने_ईडी _चीफ_के_सेवा_विस्तार_पर_खड़े_किए_प्रश्न)–
पिछले कुछ वर्षों से इन्फोर्समेंट निर्देशालय चर्चित और विवादित है। चर्चित इसलिए है क्योंकि यह वर्तमान मे अति सक्रिय है और विवादित इसलिए है कि लगभग सारा विपक्ष सत्तापक्ष पर ईडी के दुरुपयोग का आरोप लगा रहा है। इसी बीच खबर है कि केन्द्रीय सरकार ईडी चीफ सजयं कुमार मिश्रा को सेवाविस्तार देने का इरादा रखती है। स्मरण रहे सरकार मिश्रा को लगातार तीसरा सेवाविस्तार देना चाह रही है। उनके इस सेवाविस्तार को चुनौती देते हुए एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट के विचाराधीन है। उस याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट की तीन सदस्यीय पीठ जिसका नेतृत्व जस्टिस वी आर गवाई कर रहे थे ने केन्द्रीय सरकार को आडे हाथो लेते हुए सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे सालिसिटर तुषार मेहता से पूछा कि क्या एक शख्स इतना अपरिहार्य है कि सरकार उसे तीसरा सेवाविस्तार देना चाह रही है। वह भी तब जब कोर्ट पहले ही और सेवाविस्तार न देने के निर्देश दे चुका हो। स्मरण रहे कोर्ट ने अपने 2021 के फैसले मे स्पष्ट आदेश दे रखे है कि ईडी के निर्देशक को रिटायरमैंट के बाद विशेष परिस्थितियों मे केवल अल्प अवधि मे ही सेवाविस्तार दिया जा सकता है। कोर्ट सॉलिसिटर तुषार मेहता के इन तर्कों से सहमत नहीं था कि कुछ संवेदनशील मामले निष्कर्ष के अन्तिम चरण मे है, इसलिए विभाग के नेतृत्व को स्थायित्व की जरूरत है। निर्देशक टास्क फोर्स के साथ लगातार डायलॉग कर रहे है।
प्रतिष्ठित अंग्रेज़ी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार कोर्ट ने तुषार मेहता से सवाल किया कि संजय मिश्रा एक न एक दिन रिटायर हो जाएगें फिर विभाग कैसे चलेगा। मेरे विचार मे किसी भी अधिकारी को विशेष परिस्थिति मे ही सेवाविस्तार मिलना चाहिए क्योंकि एक वरिष्ठ अधिकारी को बार – बार सेवाविस्तार देना कनिष्ठ अधिकारियों को निरुत्साहित करता है। फिर विरोधपक्ष के नेताओं के इस आरोप को भी बल मिलता है कि सरकार अपने चहेते अधिकारियों के माध्यम से विरोधपक्ष के नेताओं को टार्गेट कर रही है। मेरे विचार मे किसी भी अधिकारी को यह सन्देश नहीं जाना चाहिए कि वह अपरिहार्य है। वैसे भी जब तक आप किसी को काम करने का अवसर नही देगें तो उसकी योग्यता का पता कैसे लगेगा। वैसे यह भी हो सकता है कि नया आने वाला अधिकारी पहले से भी बेहतर साबित हो।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।