

2019 में स्वच्छ शहर के रूप में पालमपुर को प्रथम इनाम मिला था और शायद एक करोड़ रूपये भी इनाम के तौर मिला था।☺️
परंतु इस पार्किंग की हालत जस की तस है मुझे तो यहां पर काम करने वाले उस कर्मचारी पर बहुत दया आती है कि वह ना जाने किस मजबूरी में इस सड़ी हुई दुर्गंध में बैठकर नौकरी बजा रहा है शायद उसकी रोजी रोटी का सवाल है उसे बच्चों की फीस देनी होगी या फिर अपने बूढ़े मां बाप को सहारा देना होगा उनकी दवाई लानी होगी, इसीलिए वह इस दुर्गंध में बैठता है।
जहां पर कोई आम इंसान 10 मिनट भी खड़ा नहीं हो सकता आसपास के सभी दुकानदार परेशान हैं एक बार नहीं कई बार इस पर ट्राइसिटी टाइम ने न्यूज़ लगाई है परंतु जब सैंया भए कोतवाल तो डर काहे का? ना अधिकारियों को न कर्मचारियों को और ना शासन प्रशासन को कोई डर है। माना डर नहीं जवाबदेही नहीं है परंतु इंसानियत तो होनी चाहिए आसपास के जो लोग हैं उनके बारे में ही सोच लेते । यह सिलसिला आज का नहीं है पिछले कई महीनों से यही हालात जस के तस बने हुए हैं ।
अधिकारी आते हैं निरीक्षण करते हैं चले जाते हैं बस उनकी ड्यूटी खत्म । अरे भाई लोगों आप यहां पर 15 मिनट खड़े होकर दिखा दीजिए और मैं सार्वजनिक रूप से यह गारंटी लेता हूं कि आपको किसी संस्था की ओर से 5001 इनाम दिया जाएगा ।
साथ में दुकानदारों का कहना है कि हम ही उन्हें इनाम दे देंगे चंदा इकट्ठा करके,,,, परंतु सफाई तो करें यहां की बदबू तो बंद करें लीकेज तो बन्द करे 😓 ऐसा भी कौन सा रॉकेट साइंस है जो यह ठीक नहीं हो सकता और ऐसा कितना लाखों का खर्चा है जो इनके पास है नही है। मार्केट के लोगों का कहना है कि हम से ही चंदा इकट्ठा करके इसे ठीक तो कर दें हमें बदबू और सड़न से निजात तो दिला दे, परंतु सुनेगा कौन और करेगा कौन??????