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Editorial*नहीं_थम_रहा_हिमाचल_मे_घटिया_और_नकली_दवाओं_का_कारोबार लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*

 

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19 मई 2023–(#नहीं_थम_रहा_हिमाचल_मे_घटिया_और_नकली_दवाओं_का_कारोबार)-

प्रतिष्ठित हिंदी एवं अंग्रेजी दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार एक बार फिर हिमाचल मे निर्मित 11 दवाईयों के सैंपल फेल पाए गए है। सारे देश मे 35 दवाईयों के सैंपल फेल हुए है और उनमे से 30% दवाओं का उत्पादन हिमाचल मे हुआ था। इन फेल सैंपलो की खबर के साथ नकली फार्मा की बेसिक ड्रग मटीरियल के कारोबार की गंभीर खबर भी अंग्रेज़ी दैनिक मे छपी है। रिपोर्ट के अनुसार नकली ड्रग मटीरियल का धंधा करने और ड्रग एवं कॉस्मेटिक एक्ट की धारा 18 की अवहेलना करने के आरोप मे संजय सिंह नाम के व्यक्ति को बद्दी मे गिरफ्तार किया गया है। स्मरण रहे इससे पहले भी नामी दवा कंपनियों के नाम से नकली दवाएं बनाने की एक फैक्ट्री भी पकड़ी गई थी।

हिमाचल मे फार्मा इंडस्ट्रीज का बड़ा हब है इसमे बड़ी नामी कंपनियों ने भी टैक्स होलीडे के समय मे हिमाचल मे अपनी ईकाईयां स्थापित की थी, लेकिन सरकार इस उद्योग को नियंत्रित करने और नकली दवाओं का निर्माण करने वालो पर शिकंजा कसने मे असफल रही है। यहां तैनात ड्रग नियंत्रक और अन्य अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे है और कई अधिकारी तो गिरफ्तार तक हुए है। चर्चा यह भी है कि फार्मा उद्योग प्रदेश के कुछ राजनेताओं के लिए सोने का अंडा देने वाली मुर्गी के समान है। कहीं न कहीं कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है जो नकली और घटिया दवाओं का निर्माण रूक नहीं रहा है। मै अपने ब्लॉग मे बार-बार लिखता रहा हूँ कि नकली दवा निर्माण या घटिया दवाओं का निर्माण और कारोबार जहर का कारोबार माना जाना चाहिए। मेरे विचार मे इस प्रकार के कारोबार मे संलिप्त व्यक्तियों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए और उन पर मुकादमा फास्ट ट्रैक कोर्ट मे चलना चाहिए। ऐसे लोगो को सख्त सजा मिलनी चाहिए। हिमाचल की नई कांग्रेस सरकार को इस नकली दवा कारोबार को नियंत्रित करने के लिए शीघ्र कार्य योजना बनानी चाहिए।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

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