पाठकों के लेख एवं विचार

*विश्व गुरु*. लेखक उमेश बाली

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विश्व गुरु
भारत एक अलग अलग धर्मो और संस्कृतियों का देश है । इसी के साथ इसमें अलग अलग राज्य हैं अलग अलग कानून हैं । हर राज्य के अपने अलग अलग कानून भी हैं । कानून और न्याय व्यवस्था को यूनियन टेरेटरी के इलावा पूर्ण रुप से राज्य का मामला माना जाता है । यहां आदिवासी लोगो को विशेष दर्जा हासिल है क्योंकि एक तो वो पिछड़े हुए थे और शोषित भी थे । करीब हर राज्य में कुछ न कुछ भाग जनसंख्या का आदिवासी वर्ग है। अपनी महान संस्कृती और सनातन की महानता का वर्णन करते हुए अकसर बहुत से लोग भारत को विश्व गुरु मानते हैं लेकिन इस विश्व गुरु पर सब से बडा कलंक महिलाओं की सुरक्षा को लेकर है। पूर्व से लेकर पश्चिम तक उत्तर से दक्षिण तक कहीं भी महिलाऐं या बच्चियां सुरक्षित नहीं है । रजनीति को किसी से हमदर्दी नही होती उसे केवल सत्ता का संघर्ष दिखाई देता है । किसी भी महिला से किसी राजनेता को संवेदना नही होती न ही किसी दल के कार्यकर्ता को । महिला अगर राजनितिक नेता हो तो उस पर भी बकवास बाजी करने में कोई रहम नहीं करते । इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी और प्रियंका वाड्रा पर भी बकवास बाजी हुई और सुषमा स्वराज से लेकर स्मृति ईरानी पर भी बकवास हुआ ।
लेकिन ताजा घटना एक मणि पुर के वीडियो के वायरल से है । आजादी के 75 साल होने के बावजूद एक तरफ विश्व गुरु कहते हैं देश को , जिसके प्रधान मंत्री को विदेश में सम्मानित किया जाता है, एक राज्य में मणि पुर में नग्न घुमाया जाता है वो भी सरेआम इस विश्व गुरु देश को कलंकित कर गया । राजनीती को इससे कोई मतलब नही क्योंकि राजनीती ने ब्लातकारियों को पहले भी रिहा किया और उनका सम्मान भी किया । हत्यारे भी छोड़े गए और उन्हें सम्मानित भी राजनीति को हमने करते देखा , अतीत में । इस विश्व गुरु भारत में हवाई जहाज के अपहरण करने वालों को सांसद बनते भी देखा और महिलाओ पर ब्लातकार के आरोपी मंत्रियों और विधायकों के गले में हार पहनते भी हम सब ने देखा है । किसानों को रोंदते लोग भी देखे । हमने उन संतो के सामने राजनीति को घुटने टेकते भी देखा जिन पर हत्या और बलात्कार के आरोप थे । मैं यह इस लिए लिख रहा हू बेशर्म राजनीति को न बंगाल के ब्लातकार दिखाई देते हैं न राजस्थान के न देश के कहीं और । कोई राज्य ऐसा नही , कोई मोहल्ला ऐसा नही कोई घर ऐसा नही जहां महिलाऐं सुरक्षित हो । जब भी कोई भीड़ हिंसा पर उतारू होती है तो महिलाऐं बहुत अधिक असुरक्षित हो जाती हैं । एक महान सनातन परंपरा वाला देश इस बात से शर्मसार नही होता कि कभी एक राज्य में एक गर्भवती महिला को भी गैंग रेप से नही छोड़ा गया था । क्यों है देश में लचर कानून और न्याय व्यवस्था कोन दोषी है? हम 75 साल से देख रहे हैं और सहन कर रहे हैं । क्या लाभ होगा UCC का या अन्य कानूनों का अगर भारत में कोई भी भीड़ महिलाओं को कभी भी कहीं भी पुलिस की मौजूदगी में नग्न घुमा दे । एक ही संवाद बख्शे नही जायेंगे यह जुमले कब तक सुनेंगे ? क्यों हमारे बच्चे , बच्चियां और महिलाएं सुरक्षित नही । मेरी प्रार्थना है अपने पाठकों से कभी चिंतन करिए और कानून को राजनितिक नेताओं के चुंगल से आजाद करने की दिशा में कदम उठाएं। उबाली ।

Umesh Bali Tct

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