*बलिदानियों को याद न करने वाले, और तरक्की को भूलने वाले देश, गुलाम हो जाते हैं*
*बलिदानियों को याद न करने वाले, और तरक्की को भूलने वाले देश, गुलाम हो जाते हैं*
बलिदानियों को याद न करने वाले और तरक्की को भूलने वाले देश गुलाम हो जाते हैं। ऐसे में हमें अपने बलिदानी योद्धाओं को हमेशा याद रखना चाहिए। यह बात बुधवार को पूर्व सैनिक लीग पालमपुर की ओर से आयोजित कारगिल विजय दिवस समारोह में बतौर विशिष्ट अतिथि बलिदानी कैप्टन विक्रम बत्रा (परमवीर चक्र) के पिता गिरधारी लाल ने पूर्व सैनिकों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कारगिल युद्ध के बलिदानियों सहित सभी युद्धों में बलिदान हुए योद्धाओं को याद करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने लाडले कैप्टन बत्रा की युद्ध गाथा को विस्तार से साथी सैनिकों के साथ सांझा किया। इससे पहले लीग कार्यालय में अध्यक्ष सीडी सिंह गुलेरिया व प्रवक्ता कुलदीप राणा के नेतृत्व में कार्यक्रम के मुख्यातिथि समाजसेवी अमर सिंह ने तिरंगा फहराकर कारगिल विजय दिवस की शुरुआत की। लीग प्रवक्ता कुलदीप राणा ने बताया कि तिरंगा फहराने के बाद लीग की ओर से स्थापित युद्ध स्मारिका के समक्ष दो मिनट का मौन रखकर बलिदानियों को याद किया गया। अध्यक्ष श्रीं गुलेरिया ने अपने संबोधन में 1961,1965,1971 व कारगिल युद्ध के बलिदानियों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए पूर्व सैनिकों की अनदेखी पर सरकार व सैन्य प्रशासन के प्रति रोष व्यक्त किया। उन्होंने बताया कि समारोह में दाह डिवीजन के स्टेशन कमांडर को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उन्होंने ऐन वक्त पर बलिदानियों के सम्मान में आयोजित कार्यक्रम में भाग लेना उचित नहीं समझा। ऐसे में हमारे बलिदानियों और पूर्व सैनिकों की अनदेखी सहन नहीं होगी। कार्यक्रम में तीनों सेनाओं सहित पैरामिलिट्री के पूर्व सैनिक मौजूद रहे।
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