पाठकों के लेख एवं विचार
*बेटियां* सभी बेटियो को समर्पित खास कर मणिपुर की बेटियां
सभी बेटियो को समर्पित खास कर मणिपुर की बेटियां
(बेटियां)
शर्मसार कर दिया आज फिर बेटियो को बेलिबास कर दिया।
कौन सी ताक़त के तगमे लग गये जो हया को नंगा किया।
पुरुष के समाज मे ताक़त चलती है सिर्फ नारी पे।
जब मिलता है मौका टूट पड़ते हो गिद्ध की तरह बेचारी पे।
डूब जाओ आज फिर तुमने एक जननी को शर्मिंदा किया।
कौन सी ताक़त के तमगे लग गये जो हया को नंगा किया।
शर्मसार कर दिया आज फिर बेटियों को बेलिबास कर दिया।
कौरवों में एक था आज सैकड़ो समाज में
धृतराष्ट्र घूमते है।
द्रोपदी का चीरहरण होता रहे ये ताक़त के मद में झूमते है ।
कृष्ण फिर जन्म लो क्योंकि दुराचारियो ने नाच नंगा किया।
कौन सी ताक़त के तमगे लग गये जो हया को नंगा किया।
शर्मसार कर दिया आज फिर बेटियो को बेलिबास कर दिया।
विनोद शर्मा वत्स