हमारा सरकारी सिस्टम इस तरह का है कि इसमें सरकारी तंत्र में बैठे हुए सरकार व जनता के प्रति जिम्मेवार लोग शायद अपनी जिम्मेवारी कभी कभार ही समझते हैं। जनता के टैक्स का पैसा तथा सरकार की संपत्ति का कितना नुकसान हो रहा है लोगों को कितनी परेशानी हो रही है इस बात की शायद ही किसी को चिंता होती होगी। पालमपुर में पार्किंग की समस्या एक विकराल समस्या बनती जा रही है यहां पर पार्किंग का स्पेस बहुत कम है जिससे ना केवल लोगों को परेशानी हो रही है बल्कि व्यापारियों का व्यापार भी डूब रहा है पहले पुरानी सब्जी मंडी के पास आज से कई वर्ष पहले पार्किंग और शॉपिंग कंपलेक्स का उद्घाटन करवाया गया था और लोगों को उम्मीद थी कि यहां पर एक बहुत ही अच्छा सुविधाजनक पार्किंग स्पेस और शॉपिंग कंपलेक्स लोगों को मिलेगा ,परन्तु वह मुंगेरीलाल के हसीन सपने की तरह हो गया। किसी भी सरकार ने इस तरफ ध्यान नहीं दिया और अगर यह कॉम्प्लेक्स समय रहते बन गया होता तो आज पालमपुर का नक्शा काफी हद तक बदल गया होता ।व्यापार में इजाफा हुआ होता सेंकड़ो लोगों को रोजगार मिला होता ।इसी तरह से बैजनाथ रोड पर पुरानी एलआईसी बिल्डिंग के सामने और मिनी सचिवालय की बेकसाइट पर पार्किंग का ठेका दिया गया था वहां पर केवल एक ही स्लैब डाली गई और बाकी का काम कई वर्षों से बंद पड़ा है। ना जाने यह कार्य किस लिए बंद पड़ा है इस बात की किसी को कोई परवाह नहीं ।।
जिस ठेकेदार ने भी इसका कार्य लिया होगा उसका लाखों का नुकसान हो चुका होगा क्योंकि उस ठेकेदार की शटरिंग और सामान वहां पर कई वर्षों से बेकार पड़ा है ।सरिया जंग खा चुका है और पार्किंग का काम बिल्कुल ठप्प पड़ा है। यह कार्य किस लिए बन्द पढ़ा है ये तो विभाग ही अच्छी तरह से बता सकता है परंतु यदि इसमें कुछ कमी किसी भी और से है तो वह कोई ऐसी समस्या नहीं है जिसका हल नहीं किया जा सकता होगा। परंतु प्रधानमंत्री मोदी के कथन अनुसार इसमें ‘ मेरा क्या और मुझे क्या’ चरितार्थ होती नजर आ रही है। हकीकत में सभी चुपचाप बैठे हैं जिससे सरकारी धन की बर्बादी तो हो ही चुकी है ठेकेदार का भी नुकसान हो चुका होगा और जनता को जो असुविधा हो रही है वह अलग से ।परंतु इस विषय पर कौन सोचे और क्यों सोचे क्योंकि मुझे अपने वोट से और उसे अपने नोट से मतलब बाकी दुनिया जाए पहाड़ पर😥