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*क्या हम पूर्ण रुप से आजाद हैं? बलदेव राज सूद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वाभिमान पार्टी*

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*क्या हम पूर्ण रुप से आजाद हैं? बलदेव राज सूद राष्ट्रीय उपाध्यक्ष स्वाभिमान पार्टी*

क्या हम पूर्ण रुप से आजाद हैं?

प्रेसविज्ञप्ति 
आज सारा देश आजादी की 76वीं बर्ष गांठ का महोत्सव धूमधाम से मना रहा है परन्तु क्या हम पूर्ण रुप से आजाद हैं? नहीं – क्योंकि अंग्रेजों ने सत्ता का हस्तांतरण करते हुए 99 बर्ष की लीज पर हमें आजादी दी है।
स्वाभिमान पार्टी के राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष बलदेव राज सूद ने पपरोला में पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि भारत की छद्म स्वतंत्रता की प्रक्रिया 4 जुलाई 1947 से आरंभ होकर 14 अगस्त 1947 तक मात्र 40 दिनों में कूटनीतिक षडयंत्रों के तहत सम्पूर्ण हुई।उन्होने कहा कि मेरे पास जो दस्तावेज उपलब्ध हैं के अनुसार ट्रांसफर आफ पावर एग्रीमेंट की शर्तें लगभग 4000 पृष्ठों में विस्तार से लिखीं गई हैं जिसमें (1) भारत का संविधान अभी भी ब्रिटेन के अधीन है।(2) भारतीय संविधान के अनुच्छेदों 366,371,372व 395 में परिवर्तन की क्षमता भारत की संसद तथा भारत के राष्ट्रपति के पास भी नहीं है।(3) गोपनीय समझौतों जिनका खुलासा आज तक नहीं किया जाता के अनुसार हमारे देश से 10 अरब रुपए लीज राशी प्रतिवर्ष ब्रिटेन को जाती हैं।(4) इन्ही गोपनीय समझौतों के तहत 30 हजार टन गौ-मांस प्रति बर्ष ब्रिटेन को दिया जाता है। यही वह गोपनीयता है जिसकी शपथ भारत के राष्ट्रपति,प्रधानमंत्री,सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस आदि लेते हैं।
इन गोपनीय समझौतों को 50 बर्षों तक सार्वजनिक न करने की शर्त थी परन्तु सन1997 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंद्रकुमार गुजराल ने इस अवधि को 20 बर्ष और बढा कर 2017तक कर दिया था। उन्होने कहा कि 1857 से 1947 तक देश के लाखों क्रांतिकारियों ने आजादी के लिए वलिदान दिऐ थे उनकी आत्मा रो रही होगी । 76बर्षों के बाद भी विश्व की अधिकतम आवादी वाले देश भारत जिसमें 50 करोड़ से अधिक युवा हैं की आजादी लीज पर होना देश की जनता के लिए बहुत बड़ी चुनौति है। बलदेव राज सूद ने कहा हम भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मांग करतें हैं कि ब्रिटेन की अधीनता के कलंक को शीघ्र समाप्त किया जाए।

समाचार के विचार पूर्ण रूप से पार्टी विशेष के है ट्रिराइसिटी टाइम्स की जिम्मेदारी  या सहमति नही है।

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