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*Editorial*हिमाचल में बाढ़ की त्रासदी केंद्रीय नेताओं की अनदेखी*

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*Editorial*हिमाचल में बाढ़ की त्रासदी केंद्रीय नेताओं की अनदेखी*

Tct chief editor

हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम. वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होती ..

इसीलिए तो कहते हैं कि बड़े आदमी का नाखून भी कट जाए तो चर्चा पुरे शहर में होती है गरीब का सर कलम भी कर दो तो कोई बात नहीं होती.

काश हम भी दिल्ली होते तो कभी की राहत मिल गई होती हम हिमाचली  हैं हमारी कोई नहीं सुनता। दिल्ली में हल्की सी बारिश आ जाए छोटा सा तूफान आ जाए थोड़ी सी गर्मी बढ़ जाए थोड़ी सी ठंड आ जाए तो पूरे मीडिया में पूरे देश में हाहाकार मच जाता है ,और विडंबना देखिए ,क्या मीडिया ,क्या नेता सभी इस दौड़ में एक दूसरे से आगे निकलने की कोशिश करते हैं ।बैराज से थोड़ा सा पानी क्या छोड़ दिया सभी नेता उसे एक न्यूज़ बना लेते हैं उसे  अपनी टीआरपी का साधन बना लेते हैं ।
परंतु हिमाचल का दुर्भाग्य देखिए इतनी बड़ी त्रासदी आ चुकी है ना तो मोदी जी कुछ बोल रहे हैं ना कोई अन्य केंद्रीय नेता न पक्ष ना विपक्ष सब मौन धारण किए हुए हैं अकेला सुखविंदर सिंह सुक्खू कितना भागे? कितना दौड़े? कितना काम करें ?कहां से पैसे दे ?कहां से संसाधन जुटाए ?कहां से और अधिक  लोगों को राहत पहुंचाएं?
अगर यहां पर सरकार भाजपा की होती तो शायद काफी रास्ते खुल जाते हैं काफी ज्यादा धन वर्षा हो जाती परंतु हिमाचल की अनदेखी पर बहुत अफसोस हो रहा है .ये सोच रहे हैं की यह छोटा सा प्रदेश है इससे किसी के वोट बैंक पर कोई असर नहीं पड़ेगा😓 इसीलिए तो कहते हैं कि बड़े आदमी का नाखून भी कट जाए तो चर्चा पुरे शहर में होती है गरीब का सर कलम भी कर दो तो कोई उफ नहीं करता।😓

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