
*’राखी’ पर विशेष विनोद वत्स के कलम से*

राखी के पवित्र पर्व की आप सभी को ढेर सारी शुभकामनाएं
एक रचना आप के लिए
राखी का त्यौहार नही है ,धागों का त्यौहार।
इन धागों में छिपा हुआ बहन भाई का प्यार।
उससे पूछो राखी क्या है जिसका नही है भाई। जिसकी बहना नही होती सूनी रहती कलाई।
ये त्यौहार बहन भाई का इसमे यादों का संसार
इन धागों में छिपा हुआ बहन भाई का प्यार।
ये राखी धागा नही है रक्षा कवच है भाई का।
तिलक लगा मान बढ़ाती बहना अपने भाई का
भूल ना जाना प्यार है इसमे नही है ये व्यापार।
इन धागों में छिपा हुआ बहन भाई का प्यार।
विनोद शर्मा वत्स