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*डॉ जयदेश के जाने से अब सिविल हॉस्पिटल पालमपुर में मरीजों को बहुत परेशानी का सामना करना पडेगा :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक*

 

अव सिविल होस्पीटल पालमपुर में मरीजों को बहुत परेशानी का सामना करना पडेगा :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक ……..पिछले दिनों सबसे पहले इस होस्पीटल में तैनात सुप्रसिद्ध मेडिकल स्पैसलिस्ट डा प्रेम भारद्वाज जी ने वी आर एस लेकर अरला में अपना भारद्वाज सुपर स्पैसलिटी होस्पीटल खोल लिया। उसके उपरांत इसी होस्पीटल के मुखिया एवं सुप्रसिद्ध समाज सेवी डाक्टर विनय महाजन जी सेवानिवृत्त हो गये। अव कल 31 अगस्त को इसी होस्पीटल के सुप्रसिद्ध मेडिकल स्पेसलिसट , मधुर भाषी डा जय देश राणा जी सेवानिवृत्त हो जाएंगे जो कि छुट्टी हो जाने के उपरांत भी देर शाम तक अपनी सेवाएं देते थे ओर रोगियों का चैकअप करते थे। लेकिन अव इन तीनों चिकित्सकों के कारण यह होस्पीटल खाली- खाली सा लगेगा नतीजतन अव एक ग्राहक एवं विशवास की तरह मरीजों को बहुत परेशानी का सामना करना पडेगा । यह चिन्ता व्यक्त करते हुए समाज सेवा में समर्पित इन्साफ संस्था के अध्यक्ष एवं पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार ने कहा कि हालांकि पालमपुर से सरकार में अहम ओहदे पर केबिनेट का दर्जा प्राप्त मुख्यमन्त्री के प्रधान सलाहकार आई टी श्री गोकुल बुटेल जी ओर मुख्य संसदीय सचिव श्री आशीष बुटेल जी को मिलकर मुख्यमन्त्री व स्वास्थय मन्त्री जी के समक्ष जनता की इस सम्भावित परेशानी को प्रमुखता के साथ रखना चाहिए । पूर्व विधायक ने तर्क के साथ कहा अगर सरकार सेवानिवृत्ति के उपरांत भी व अन्य पदों पर एक के बाद एक बडी फोज तैनात कर सकती है तो इन दोनों सताधारी नेताओं को पालमपुर के हित में भी इन दोनों अति योग्य डाक्टरों डा विनय महाजन व डाक्टर जय देश जी की भी सेवानिवृत्ति के उपरांत यहीं पर सेवाएं देने के लिए जोरदार ढंग से वकालत व दबाव डालना चाहिए । पूर्व विधायक ने दावे ओर विशवास के साथ कहा है कि सरकार एवं सम्बधित विभाग अध्ययन करके देख ले इन्हीं डाक्टरों की कार्यकुशलता , व्यवहार व योग्यता के चलते शायद इस होस्पीटल की ओ पी डी जिला स्तरीय जोनल होस्पीटल धर्मशाला से कहीं बेहतरीन रही होगी ।

*मरीज के मसीहा डॉ जयदेश राणा MD Medicine अपने पद से हो रहे हैं रिटायर!*

*मरीज के मसीहा डॉ जयदेश राणा MD Medicine अपने पद से हो रहे हैं रिटायर!*

मैं स्वयं डॉक्टर जयदेश राणा का मैरिज रहा हूं यूनिवर्सिटी से 5:00 बजे छुट्टी करके आना 5:30 या 5:45 बजे इनके पास नीचे पुराने बिल्डिंग के चेंबर में जाना,, लेकिन इन्होंने कभी नहीं कहा की आप इतनी लेट आ रहे हो मुझे भी घर जाना है मेरी भी फैमिली है हम अपनी सुविधा के अनुसार छुट्टी करने के बाद आते थे और 6:00 बजे उनके पास पहुंच कर दिखा कर जाते थे। हालांकि यह तब भी लगभग 7:00 बजे ही अपनी सीट से उठते थे तो ऐसी डेडीकेशन और ऐसा प्रोफेशनलिज्म  जिसकी  इन्हें इनकी डिग्री प्रदान करते हुए शपथ दिलाई जाती है उसे पर चलते हैं इन्हें अपने द्वारा ली गई शपथ हमेशा याद रही !🙏

बाकियों का पता नहीं🤔

बीके सूद चीफ एडिटर

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