*सीआरपीएफ रणबांकुरों के सर्वोच्च बलिदान कि याद में मनाया जाता है 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति ( शहीदी )दिवस*
सीआरपीएफ रणबांकुरों के सर्वोच्च बलिदान कि याद में मनाया जाता है 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति ( शहीदी )दिवस।
21 अक्तूबर को देश के राज्य पुलिस, केन्द्रीय सुरक्षा बल , पैरामिलिट्री बल से जुड़े सभी सदस्य इस दिन को स्मृति (शहीद) दिवस के रूप में मनाते हैं। देश की आजादी के बाद देश कि सरहदों की सुरक्षा राज्यों की पुलिस एवं सशस्त्र पुलिस बटालियनों को सौंपी गई थी । 09 अप्रैल 1965 में पाकिस्तान के ब्रिगेड ने गुजरात के रन आफ़ कच्छ में सरदार पोस्ट ,चार बेट एवं बारिया बेट पर अचानक हमला कर दिया था उस समय सीआरपीएफ की कम्पनी को वहां की सुरक्षा की जिम्मेदारी दी गई थी, उन्होंने दुश्मन से बहादुरी से मुकाबला करते हुए पाकिस्तान बिग्रेड के हमले को विफल कर दिया था ओर पाकिस्तान के 34 सैनिकों को मार गिराया था ओर 04 को जिन्दा गिरफ्तार किया था। दुश्मन से मुकाबला करते हुए सीआरपीएफ के चार सैनिकों को शहादत दी थी। उनके वीरता की गाथा को याद करते हुए 09 अप्रैल *शोर्य दिवस* मनाया जाता है।
21 अक्तूबर 1959 में लद्दाख के हॉट स्प्रिंग में निगरानी कर रही सीआरपीएफ की छोटे से गस्ती दल पर चीन की सेना ने भारी संख्या में घात लगाकर धोखे से हमला कर दिया था । सीआरपीएफ के सैनिकों ने बहादुरी से चीनी सैनिकों का सामना किया था ,इस हमले में सीआरपीएफ के 10 रणबांकुरों ने सर्वोच्च बलिदान दिया था , सेना ने 10 बलिदानियों का साथ हॉट स्प्रिंग्स में सैन्य सम्मान के साथ बलिदानियों का अन्तिम संस्कार किया था। इसी दिन को उन्हीं जबाजो की बलिदानियों के शोर्य , बहादुरी की मिसाल की याद में ओर दुशमन चीनी सैनिकों की गद्दारी को याद करते हुए * हर साल 21 अक्तूबर को पुलिस स्मृति (शहीदी) दिवस मनाते हैं*।
उसके बाद देश की सुरक्षा को देखते हुए ओर मजबूत रखने के लिए केन्द्र के अधीन विशेष प्रशिक्षित बलों को तैनात किया ।बीएसएफ का 1965 में, एसएसबी का 1963 में, आईटीबीपी का 1962 में गठन कर सरहदों की रक्षा में तैनात किया ओर सीआईएसएफ का 1969 में गठन किया ओर सीआईएसएफ को देश की आंतरिक सुरक्षा की जिम्मेदारी दे कर सभी बलों को देश की सुरक्षा के लिए अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई ।
मनवीर चन्द कटोच
(एक्स बीएसएफ) मुख्य प्रवक्ता एक्स पैरामिलिट्री कल्याण संगठन हिमाचल प्रदेश मोबाइल 8679710047