Editorial *देश_के_दो_मुख्यमंत्री_ई_डी_के_रडार_पर* Mohendra Nath Sofat Ex minister*
Editorial *देश_के_दो_मुख्यमंत्री_ई_डी_के_रडार_पर* Mohendra Nath Sofat Ex minister*
20 दिसंबर 2023- (#देश_के_दो_मुख्यमंत्री_ई_डी_के_रडार_पर)-
देश के दो मुख्यमंत्रियों से ई डी पूछताछ करना चाहती है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ई डी सम्मन भेज चुकी है, लेकिन वह दोनो सम्मन की अवहेलना कर ई डी के सामने पेश नहीं हो रहे है। इससे पहले संघीय एजैंसी ने अरविंद केजरीवाल को दो नवम्बर को पेश होने के लिए बुलाया था, लेकिन वह यह आरोप लगाते हुए जांच एजैंसी के समक्ष उपस्थित नहीं हुए कि नोटिस अस्पष्ट और राजनीति से प्रेरित है। स्मरण रहे कि केजरीवाल को दिल्ली शराब के कथित घोटाले के सन्दर्भ मे पूछताछ के लिए बुलाया जा रहा है। यह भी उल्लेखनीय है कि इस मामले मे पहले ही आम आदमी पार्टी के तीन बड़े नेता जेल मे बंद है। अब ई डी ने 21 दिसंबर को पूछताछ के लिए अरविंद को नया सम्मन जारी किया है।
मेरे विचार मे सम्मन जारी होने का यह अर्थ कदाचित नहीं है कि अरविंद दोषी है या निर्दोष है। यह विवेचना के बाद तय होगा और इस विषय पर अंतिम निर्णय अदालत देगी। लेकिन क्या बार- बार संघीय एजैंसी के सम्मन की अनदेखी करना एक संवैधानिक पद पर आसीन व्यक्ति के लिए सही है ? इससे पहले बड़े-बड़े नेता जांच एजैसी के सामने उपस्थित हो कर जांच मे सहयोग कर चुके है। सोनिया गांधी और राहुल गांधी भी नेशनल हेराल्ड मामले मे जांच एजैसी के सामने उपस्थित होकर जांच मे सहयोग कर चुके है। देश के वर्तमान प्रधानमंत्री भी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एस.आई. टी के सामने उपस्थित हुए और जांच मे सहयोग दे चुके है। केजरीवाल और हेमंत सोरेन का ई डी सम्मन की अनदेखी करना कानून से भागना माना जाएगा। मेरे विचार मे यदि वह निर्दोष है तो उनके पास यह अवसर है अपनी सफाई देने का और अपने को निर्दोष साबित करने का। किसी भी जांच मे सहयोग करना नागरिक का कर्तव्य है। मेरी समझ मे अरविंद और हेमंत को संघीय एजैंसी के सामने उपस्थित हो कर जांच मे सहयोग करना चाहिए। यदि उनको लगता है कि ई डी उनके साथ न्याय नहीं कर रही है तो उनके पास अदालत का विकल्प उपलब्ध है।
#आज_इतना_ही।