Editorial *भाजपा_की_ताकत_है_विचार_और_कार्यकर्ता*
8 जनवरी 2024- (#भाजपा_की_ताकत_है_विचार_और_कार्यकर्ता)–
नये वर्ष 2024 मे सभी राजनैतिक दलों का फोकस लोकसभा चुनाव पर है। जहां भाजपा तीसरी बार केंद्र मे सरकार बना कर हैट्रिक लगाना चाहती है वहीं कांग्रेस वापसी के लिए संघर्ष कर रही है।हिमाचल और कर्नाटक की जीत के बाद कांग्रेस वापसी की उम्मीद कर रही थी लेकिन तीन प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों मे वह भाजपा से हार गई और कुछ हद तक उसकी वापसी की उम्मीद पर पानी फिर गया। असल मे कांग्रेस को जीत की उम्मीद भाजपा के खिलाफ जनाक्रोश पर आश्रित होती है। उधर भाजपा की ताकत है उनका विचार और कार्यकर्ता। उनका विचार है हिन्दुत्व और राष्ट्रवाद। इस विचार को वह अपने समर्पित कार्यकर्ताओं और संसाधनो के माध्यम से जनता के बीच प्रचारित करने मे सक्ष्म है। इसके अतिरिक्त भाजपा एक सोची-समझी रणनीति के अंतर्गत लाभार्थियों को जोड़ने मे सफल रही है। इसी योजना के तहत भाजपा लाभार्थियों के सम्मलेन करती है और अपने कार्यकर्ताओं को सरकार से लाभ प्राप्त करने वालो के साथ सतत सम्पर्क बना कर रखने को कहती है। यह तथ्य है कि लाभ प्राप्त करने वालो मे अधिकतर अनुसूचित और कमजोर वर्ग के लोग है। उनके साथ जुड़ने के कारण भाजपा के आधार का विस्तारीकरण हुआ है।
अगर 2024 के चुनाव की विवेचना की जाए तो यह बात समझ आती है कि लोकसभा की 200 सीटे ऐसी है जहां भाजपा और कांग्रेस मे सीधी टक्कर है। 100 सीटे ऐसी है जहां भाजपा का कोई वजूद नहीं है। शेष लगभग 245 सीटों पर भाजपा के मुकाबले क्षेत्रीय दल होगें। अगर 2019 के लोकसभा चुनाव के परिणामो की जांच की जाए तो कांग्रेस के साथ सीधी टक्कर वाली सीटों पर भाजपा का स्ट्राइक रेट 90% रहा था। भाजपा की हैट्रिक के लिए इस स्ट्राइक रेट को बनाए रखना जरूरी होगा। मेरी समझ मे इस बात से भाजपा के रणनीतिकार भलीभांति परिचित है और इसलिए संघ परिवार राम मंदिर उद्घाटन के कार्यक्रम को इतना भव्य बनाने मे जुटा है ताकि हिन्दी भाषी उत्तर भारत पुरी तरह भगवा रंग मे रंग जाए और भाजपा की वैतरणी पार लग जाए।
#आज_इतना_ही।