एक था तिब्बत
एक था तिब्बत… by Hemant senior journalist
दुनिया भर के देशों की सूची में तिब्बत नाम
का कोई देश नहीं है। बेशक भारत में तिब्बत
की कथित निर्वासित सरकार काम करती हो
लेकिन हम तिब्बत को देश नहीं मानते।
नेहरू जी से लेकर मोदी जी तक तमाम प्रधानमंत्री ये मानते आए हैं कि तिब्बत चीन का हिस्सा है। अब एक और बात मानने के लिए तैयार हो जाइए कि तिब्बत का नाम अब तिब्बत नहीं रहेगा। ये हो जाएगा शीजांग। चीन हमेशा ही हर काम बेहद कैल्कुलेटिव तरीके से करता है। तिब्बत को शीजांग बताने
में चीन का मीडिया पिछले कुछ महीनों से
बड़ी शिद्दत से जुटा हुआ है। चीनी न्यूज एजेंसियां भी तिब्बत की जगह शीजांग का
इस्तेमाल करने लगी हैं। चीन की कम्यूनिस्ट
सरकार इस बात पर खूब जोर दे रही है कि
सरकारी दस्तावेजों में तिब्बत की जगह
शीजांग लिखा जाए। सो इसमें कोई हैरानी नहीं होनी चाहिए कि आने वाले दिनों में चीन
दुनिया को शीजांग का आदी बना दे।असल में तिब्बत एक तरह का अंग्रेजी नाम है। चीन को ये पसंद नहीं। शीजांग एक चीन(पिनियन) शब्द है। सो वो उसी के इस्तेमाल
का दबाव बना रहा है। दुनिया के कई देश बेशक तिब्बत को लेकर चीन पर तमाम दबाव
बनाते रहें लेकिन उस पर कोई असर होता नहीं दिखता। इन सभी के विपरीत वो तो
तिब्बत नाम ही नहीं रहने देना चाहता। चीनी प्रवक्ता भी शीजांग ही कहते हैं। सीनियर जर्नलिस्ट अरूण शौरी का एकपुराना भाषण सुन रहा था। उनका कहना थाकि चीन का तरीका है पहले किसी जगह
विशेष पर क्लेम करो। लगातार करते रहो।फिर एक दिन हड़प लो। उसके बाद समय
बीतने दो। तब तक दुनिया को वैसी आदत हो
जाएगी। मुझे लगता है कि तिब्बत के नाम को
लेकर भी ऐसा ही होने वाला है।
हमारी चीन को लेकर क्या पॉलिसी रही है,मुझे तो आज तक समझ नहीं आया। यह बात
रिकॉर्ड पर है कि पहली एशियन कांफ्रेस मेंतिब्बत को बतौर देश आमंत्रित किया गयाथा। यह कांफ्रेस मार्च 1947 में हुई थी।
बुलाने वाले थे प्रधानमंत्री जवाहर लाल
नेहरू। तब वे अस्थायी सरकार के मुखिया थे।
तिब्बत उसमें बतौर देश आया भी। उसकेकुछ समय बाद हालात बदलते गए और फिर एक दिन सब खत्म हो गया। तिब्बत को चीन का हिस्सा मान लिया गया। चीन हमारापड़ोसी देश हो गया। पहले तिब्बत बीच में आता था। उसके बाद तिब्बत को लेकर हमने एसे होंठ सिले कि आज तक सिले ही है। हम कुछ नहीं बोलते। बेशक निर्वासित सरकार
यहां है लेकिन दलाई लामा जी से मिलने मेंहमारी सरकारें हमेशा परहेज ही करती रही हैं। हम तिब्बत शब्द बोलने में गुरेज करते हैं।चीन तिब्बत का नाम बदल कर शीजांग रख देंचाहे कुछ और, शायद ही किसी की जुबान
खुले। लेकिन ये तय ही लग रहा है कि तिब्बत
नाम अब था की श्रेणी में हो जाएगा।