एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी पालमपुर का बदलता स्वरूप

#bksood chief editor

पालमपुर में आर्मी कैम्पस, सीएसआईआर, तथा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी ऐसे संस्थान है जिनकी वजह से पालमपुर की पहचान है.।
अब से पहले एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कैंपस को छोड़कर बाकी कैंपस के सौंदर्यीकरण पर काफी ध्यान दिया जा रहा था और यूनिवर्सिटी के मुकाबले में यह केंपस बहुत अच्छे सुंदर और आकर्षक थे, जबकि एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के कैंपस में जंगली झाड़ियों तथा आवारा जानवरों का राज था।
जब से नए वाइस चांसलर प्रोफेसर एच के चौधरी आए हैं उन्होंने कैंपस के सौंदर्यीकरण की तरफ काफी अधिक ध्यान दिया! क्योंकि कहावत है जैसा मन वैसा तन ,अगर आपके मन में अच्छे विचार हैं आप का वातावरण सुंदर है तो आपका वहां पर अवश्य मन लगता है ,वहां पर पढ़ाई का वातावरण बनता है, रिसर्च और एक्सटेंशन करने का मन होता है, परंतु अगर चारों और झाड़ियां ही दिखाई दे तो आदमी के मन में उदासी आना स्वाभाविक ही है ।
पालमपुर में एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी को छोड़कर जब अन्य संस्थानों में जाते थे तो लगता था कि हम किसी अच्छे संस्थान में आए हुए हैं परंतु जैसे ही यूनिवर्सिटी में हम प्रवेश करते थे तो लगता था कि हम किसी ऐसी जगह पर पहुंच गए हैं जो बहुत गरीब है जिसकी हालत बहुत खस्ता है जो अपनी हालत पर आंसू बहा रहा है जो बहुत उदास है ,इस अवसाद के वातावरण में कैसे विद्यार्थी पढेंगे और कैसे रिसर्च का काम होगा, एक सोचनीय विषय था ।भूतकाल इस ओर किसी का ध्यान नहीं गया।
प्रोफेसर एसके चौधरी ने आते ही यहां पर सबसे पहले वातावरण को सुंदर बनाने के लिए कोशिशें जारी की जिसमें काफी सफल भी हुए हैं। अब यूनिवर्सिटी में जाते ही ऐसा लगता है कि हम किसी प्रेस्टीजियस यूनिवर्सिटी में आ रहे हैं ।
क्या आप किसी ऐसे विद्वान को फटे हुए कपड़ों में पहचान सकते हो जिसके पास बहुत ज्ञान है ,जो बहुत कुशाग्र बुद्धि का है ,परंतु उसके कपड़े फटे हुए हैं जो महीनों से नहाया ना हो ,बाल बढ़े हुए हो, पैर में जूते ना हो, तो क्या आप उस विद्वान के साथ रहना पसंद करेंगे शायद कभी नहीं। अगर उसी विद्वान को अच्छी तरह से वस्त्र पहना दिए जाएं उसे अपटूडेट कर दिया जाए तो सभी लोग उसके इर्द-गिर्द आकर बैठ जाएंगे ,ठीक वैसा ही हाल इस यूनिवर्सिटी का था ,जिसमे अब काफी सुधर गया है ,इसे नए नए कपड़े पहनाए जा रहे हैं अच्छी तरह से ड्रेसअप किया जा रहा है, ताकि यहां पर पढ़ने वाले विद्यार्थी वैज्ञानिक तथा अन्य कर्मचारी खुद को एक पॉजिटिव एनर्जी में पाएं और पढ़ने व कार्य करने का दुगना उत्साह प्राप्त करें ।
प्रोफेसर एच के चौधरी इस बदलाव के लिए बधाई के पात्र हैं उम्मीद है आने वाले दिनों में यूनिवर्सिटी कैंपस का स्वरूप CSIR , VMRT ARMY कैंपस से भी अच्छा होगा।

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रोफेसर एचके चौधरी ने एक संक्षिप्त सी मुलाकात में बताया कि विश्वविद्यालय में कुछ महान हस्तियों के स्टैचू भी लगाए जाएंगे तथा कुछ भवनों का नामकरण महान हस्तियों के नाम पर किया जाएगा, साथ ही यूनिवर्सिटी के प्रवेश द्वार को डेढ़ करोड़ रुपए के बजट से एक सुंदर स्वरूप दिया जाएगा जिससे कि यूनिवर्सिटी में प्रवेश करते ही लोगो को ऐसा एहसास होगी वह किसी प्रतिष्ठित संस्थान में प्रवेश कर रहे हैं । इसके साथ ही कैंपस में एक कैफे तथा एक ऐसा शोरूम बनाया जाएगा जिसमें यूनिवर्सिटी के लोगो ,मोमेंटो तथा यूनिवर्सिटी की उत्पाद कैंपस के भीतर ही मिल जाए।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों व कर्मचारियों की सुविधा के लिए कैंपस में ATM भी लगवाया जायेगा ।आशा की जाती है कि प्रोफेसर एच के चौधरी के नेतृत्व में इस विश्वविद्यालय का स्वरूप शीघ्र ही बदला बदला नजर आएगा और यह विश्वविद्यालय राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और ख्याति प्राप्त करेगा । डॉ एच के चौधरी के नेतृत्व में इस विश्वविद्यालय में शैक्षणिक, रिसर्च एंड एक्सटेंशन,तथा किसानों की कृषि बागवानी व पशु धन सम्बन्धी माली हालत सुधारने के लिए तीव्रगति से कार्य होगा व इसका स्वरूप शीघ्र ही बदला हुआ नजर आएगा।
Great efforts by professor H K Chaudhary vice chancellor cskhpkv Palampur he deserves all the appreciations