पालमपुर क्षेत्र में आधारशिला स्कूल ने पेश किया उदाहरण
बी के सूद चीफ एडिटर

आधारशिला स्कूल पालमपुर देहण ने पिछले वर्ष कोविड काल में अपने स्टाफ को पूरी सैलरी देकर एक उदाहरण पेश किया था।
बच्चों की फीस माफ करके एक नजीर पेश की थी।
अपने ट्रांसपोर्ट सिस्टम का पूरा टैक्स भरकर एक मिसाल पेश की थी ।
अब जब स्कूल खुल गए हैं तो आधारशिला स्कूल कोविड के सभी नियमों का पालन करते हुए स्कूल का संचालन कर रहा है ।जिन बच्चों के पास मास्क नहीं होते ,उन्हें मास्क के दिये जाते हैं ।स्कूल में ऑटोमेटिक सेनीटाइजर सिस्टम लगाया गया है। सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा ध्यान रखा जा रहा है ।
बसों में भी गन टेंपरेचर रिकॉर्डर तथा सैनिटाइजर का इंतजाम किया गया है ।क्लास रूम में एक बेंच पर एक बच्चे को बैठाया जा रहा है ।कोशिश की जा रही है कि बच्चे अधिक से अधिक सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। कोविड काल में भी जिन बच्चों के अभिभावकों को आर्थिक तंगी है या जिन बच्चों के अभिभावकों की कोई नौकरी नहीं रही है और कोरोना के कारण उनकी नौकरी चली गई है उन बच्चों की फीस माफ की जा रही है। जबकि क्षेत्र में बड़े-बड़े शैक्षणिक इंस्टिट्यूट हैं जिनके पीछे पूरा मैनेजमेंट है पूरा आर्थिक सपोर्ट तथा जिनके पास आय के अन्य साधन भी होते हैं वे लोग भी इतनी उदारता नही दिखा पा रहे हैं । उनकी भी कुछ अपनी मजबूरियां हो सकती हैं ।
स्कूल के डायरेक्टर राकेश खेर से बात करने पर पता चला कि उन्होंने अपने स्कूल के हर बच्चे का ख्याल तो रखा ही है साथ ही उन बच्चों की पारिवारिक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए उनकी अधिक से अधिक सहायता करने की कोशिश की है। उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य केवल मात्र पैसे कमाना नहीं है बल्कि उन्हें जो शिक्षा के क्षेत्र एक सामाजिक दायित्व मिला है शिक्षा देने का,, तथा उसके विकास प्रसार करने का, उसे बिना किसी ने हित स्वार्थ के पूरा करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ईश्वर ने उन्हें जो मौका दिया है वह उसे पूरी तरह से निभाने की कोशिश करेंगे , इसके लिए उन्हें लाभ या हानि की परवाह नहीं है ।
समाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए देश सेवा करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है।