इंसान कहीं भी चला जाए कितना भी बड़ा हो जाए कितना ही प्रभावशाली और शक्तिशाली बन जाए कितना ही साधन संपन्न और ज्ञानवान हो जाए परंतु वह अपनी जन्म भूमि को अपनी जन्म भूमि की माटी की सुगंध को भूल नहीं पाता ।कामयाबी की कितनी ही ऊंचाइयों पर उड़ ले लेकिन सातवें आसमान से भी वह अपनी जन्मभूमि अपने जन्म स्थान की माटी की सुगंध को सूंघ लेता है।
इंसान की है प्राकृतिक स्वभाव है कि वह महलों में भी रहकर अपने छोटे से गांव अपने छोटे से शहर अपने छोटे से घर को कभी नहीं भुला पाता ।महलों में रहने के बाद भी उसे अपनी जन्मभूमि हमेशा याद रहती है।और वह उस से जुड़ा हुआ रहता है यह प्रकृति की ही देन है प्रकृति का नियम ऐसा ही है ।
प्रिया शक्तावत जो कि मुंबई में रहती हैं मुंबई में सेटल है मुंबई में अच्छा खासा बिजनेस है ,लेकिन वह हिमाचल की बेटी है और उन्हें अपने हिमाचल से बहुत प्यार है ।हिमाचल के कांगड़ा जिला की प्रिया शक्तावत अपने कल्चर से इतनी प्रभावित हैं कि वह चाहे तो बड़े से बड़ा हिट गाना अपने स्तर पर फिल्मा सकती है और कामयाबी की बुलंदियों पर पहुंच सकती है ।
परंतु हिमाचल की संस्कृति को संजोए हुए वह हिमाचल के लिए ही कुछ करना चाहती है ताकि हिमाचल का नाम रोशन हो सके। उनके अपने राज्य को एक अलग से पहचान मिल सके।
प्रिया शक्तावत एक सफल व्यवसाई होने के साथ-साथ गाने का शौक भी रखती हैं और उन्होंने अपना गाने का शौक हिमाचली गानों से पूरा करने की ठानी है ,और हिमाचली कल्चर हिमाचली संस्कृति को बुलंदियों पर पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं ।
हिमाचल के सभी प्रदेशवासियों उनकी इस कोशिश को तहे दिल से स्वीकारते हैं तथा उन्हें शुभकामनाएं देते हैं कि शीघ्र ही वह हिमाचल का नाम बॉलीवुड में रोशन करें।
पेश है उनके गाने का लिंक जिसे आवश्य खोलिए और इस मनोरंजक हिमाचली गाने का आनंद लीजिए ।