पाठकों के लेख एवं विचार

पाठकों के लेख :- मनमोहन सिंह धर्मपुर

Renu sharma sub editor

Renu sharma tct

जिस पर तू मेहरबान हो गया,
वो शख्स आसमान हो गया।

जिसने संवार दी ज़ुल्फ हवा की,
मोहब्बत का वो भगवान हो गया।

छुपके चांद ने देखा था एक बार,
उस गरीब पर तेरा अहसान हो गया।

शरमा के सूरज बादलों में छुप गया,
तेरे जमाल से परेशान हो गया।

हुस्न तेरे की चर्चा है आसमानों में,
तुझे बना के खुदा, खुद परेशान हो गया।

-लेखक :- मनमोहन सिंह

Manmohan Singh Dharampur

 

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