*पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में पैदा हुए बिजली संकट का संज्ञान लिया*
Meenakshi Sood

पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट ने चंडीगढ़ में बिजली संकट का संज्ञान लिया है तथा हाईकोर्ट ने कल बिजली विभाग के चीफ इंजीनियर को बुलाया है। उनसे संकट से निपटने के लिए किए गए इंतजाम को लेकर पूछा जाएगा। वहीं पंजाब ने आउटसोर्स वाले कर्मचारी भेजने से इनकार कर दिया है। हरियाणा की तरफ से भी कोई जवाब नहीं मिला है। चंडीगढ़ में बिजली कर्मचारियों के निजीकरण के खिलाफ हड़ताल पर जाने के बाद आधे शहर की बिजली बंद है। इमरजेंसी सेवाओं पर भी बिजली संकट का खतरा मंडराने लगा है। वहीं पर लोगों की परेशानी बढ़ने लगी है
हाईकोर्ट ने कहा की अस्पतालों में भी दिक्कत हो सकती है जिससे मरीजों तथा उनके तीमारदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है
जस्टिस अजय तिवारी और जस्टिस पंकज जैन की डबल बैंच ने कहा कि उनके ध्यान में आया है कि शहर के अधिकतर हिस्से में बिजली की सप्लाई नहीं है। ऐसे में हाईकोर्ट न्यायिक स्तर पर इस मामले को सुनने के लिए बाध्य हुआ है। हाईकोर्ट ने यूटी के सीनियर स्टैंडिंग कांउसिल से पूछा कि चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा शहर में बिजली सप्लाई को बनाए रखने के लिए उठाए जा रहे प्रबंधों की जानकारी दें।
सीनयर स्टैंडिंग कांउसिल अनिल मेहता ने बताया कि यूटी के बिजली विभाग के कर्मियों के स्ट्राइक पर जाने की वजह से शहर की बिजली व्यवस्था प्रभावित हुई है।
हाईकोर्ट ने कहा कि बिजली की सप्लाई प्रभावित होने से न सिर्फ घरों में दिक्कत हो रही है, बल्कि अस्पतालों में भी समस्या खड़ी हो सकती है जहां पर मरीज वैंटिलेटर और अन्य लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर हो सकते हैं। इसके अलावा शहर में स्टूडेंट्स की ऑनलाइन परीक्षाएं और कक्षाएं भी चल रही हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि कई केसों में वर्चुअल सुनवाई भी हाईकोर्ट में प्रभावित हो रही है। वकीलों के ऑफिसों में बिजली नहीं है। ऐसे में वह सुनवाई के दौरान पेश नहीं हो पा रहे। ऐसे में बिजली सप्लाई का न होना बड़ा नुकसान कर सकती है।
ऐसे में हाईकोर्ट ने यूटी के चीफ इंजीनियर सीबी ओझा को 23 फरवरी को कोर्ट में पेश होने को कहा है। उन्हें कहा गया है कि वह इस समस्या से निपटने के लिए किए जाने वाले प्रयासों के बारे में जानकारी दें। मामल को चीफ जस्टिस की बैंच में आज सुने जाने के लिए कहा गया है ताकि वह उचित बैंच में 23 फरवरी के लिए केस को सुनवाई के लिए भेज सकें।