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*यूक्रेन विवाद :पाठकों के लेख:/ उमेश बाली*

यूक्रेन विवाद  :लेखक उमेश बाली 

Tct : 💐सच्च का सारथी💐

यूक्रेन विवाद युद्ध की तरफ बढ़ गया यही आशंका थी । रूस की मज़बूरी यह है कि वो नाटो को उस तरह अपने सर पर नहीं बिठा सकता जिस तरह तिब्बत में भारत पर चीन बैठ गया और अमेरिका की अपनी नीति है लेकिन लगता है अमेरिका के राष्ट्रपति बाइडेन में न सही फ़ैसला लेने की क्षमता नहीं है इसका सब से बड़ा उदाहरण अफगानिस्तान में हमने देखा । खैर इस वक़्त जो हालात है वी दुनियां के लिए कोई अच्छे नहीं हैं ।
अभी तक यूक्रेन अडा हुआ है और सब से अधिक खतरा परमाणु हमलों का बन रहा है कहीं हताशा की स्थिति में यूक्रेन इनका उपयोग ना शुरू कर दे । यू एन ओ प्रासंगिक नहीं है केवल तीसरी दुनिया के देशों को धमकाने के काम आता है , मैंने कभी भी इराक़ के मामले में या अफगानिस्तान या किसी और मुल्क के मामले में यू एन ओ का प्रभाव नहीं देखा । अब जब रूस ने युद्ध की शुरूआत कर दी है यह दिलचस्प होग कि अमेरिका और नाटो क्या करते है क्या वो प्रतिबंधों से आगे बढ़ेंगे ? क्या चीन अमेरिका को रोकने की कोशिश नहीं करेगा ? मेरा ख्याल है चीन केवल अपना हित देखेगा और उसके तीन मतलब है । भारत के इलाकों पर अपना दबदबा बनाने की कोशिश , ताइवान पर आधिपत्य और दक्षिण चीन सागर पर प्रभुत्व जमाना । यह दूसरा बड़ा खतरा दुनिया और भारत पर है । पिछले दिनों चीन अमेरिका की दो कंपनियों को चीन में प्रतिबंध कर दिया था ऐसी खबरे दुनिया भर के मीडिया में सुर्खियां बटोरती रही । लगता है जैसे दुनिया का शक्ति संतुलन परिवर्तित होगा । रूस अब पहले शीतयुद्ध या सुधारो से निकल चुका है और कहीं ना कहीं यू एस एस आर की कसक उसके अंदर है शायद पुतिन इसी तरफ बढ़ने वाले है ।दूसरा गैस पाइप लाइन को बन्द करने या प्रतिबंधों को लगता है रूस की नजर में फिलहाल कोई अहमियत नहीं और रूस शायद अब तब तक नहीं रुकेगा जब तक कि दूसरे देश सीधे युद्ध की स्थिति में नहीं आते । अब अगर युद्ध होता है और नाटो की सेनाएं भी घुस जाती है तो विश्वयुद्ध अपरिहार्य हो जायेगा और हो सकता है परमाणु शक्ति का उपयोग भी हो क्योंकि कम कोई भी नहीं ।
सब से बड़ी मुश्किल का सामना तीसरी दुनिया के देश करेंगे जिसमे भारत भी है । हमे एक बार फिर महंगाई , गरीबी और बेरोजगारी की मार झेलनी पड़ सकती है । इसलिए भारत ही नहीं तीसरी दुनिया के देशों को अविलंब युद्ध समाप्त करवाने की दिशा में बढ़ना चाहिए भारत इसमें अग्रनी भूमिका निभा सकता है । आगे विधाता जानते है कि इस विनाश से कैसे बचना होगा ।

Umesh bali tricity times

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