*कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में पशु चिकित्सा एवम पशु विज्ञान महाविद्यालय के 50 पशु चिकित्सको को दिलवाई शपथ*
*किसानों की पूर्ण समर्पण के साथ सेवा करें : वीरेंद्र कंवर*
*107 पशु चिकित्सकों के पद भरेगी प्रदेश सरकार*
*पशु चिकित्सा एवम पशु विज्ञान महाविद्यालय के 50 पशु चिकित्सको को दिलवाई* शपथ
पालमपुर 6 मार्च। चौसकु हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय के डॉ जीसीनेगी कॉलेज ऑफ वेटरनरी एंड एनिमल साइंसेज में 50 स्नातकों के लिए रविवार को शपथ ग्रहण समारोह आयोजित किया गया था।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि कृषि, पशुपालन, ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री वीरेंद्र कंवर ने वैज्ञानिकों और छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें किसान समुदाय और समाज की पूर्ण समर्पण के साथ सेवा करने का आह्वान किया। मंत्री ने किसानों उत्थान और कल्याण के लिए सरकार के प्रयासों को विस्तार से जानकारी दी।
वीरेंद्र कंवर ने कहा कि दूध उत्पादन के क्षेत्र में जिला ऊना में इजरायल के सहयोग से सेंटर आफ एक्सीलेंस स्थापित किया जा रहा है। इस पर 47.50 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने बताया कि पशुओं के लिए 108 की तर्ज पर पशु एम्बुलेंस सेवा आरम्भ की जाएगी। जिसमें चिकित्सक, फार्मासिस्ट और दवाइयां की सुविधा होगी। यह प्रदेश के 44 उपमंडलों में आरम्भ की जा रही है। उन्होंने कहा की इस वर्ष 107 पशु चिकित्सक के पद भरे जायँगे। इसके अतिरिक्त फार्मासिस्ट के 300, पशु सहायक के 239 पद भरे जाएंगे। उन्होंने कहा कि 412 नवगठित पंचायतो में पशु सहायकों के पद सृजित किये जायेंगे।
उन्होंने कहा कि कोविड महामारी के दौरान, कृषि क्षेत्र में ही तीन प्रतिशत की वृद्धि दर के साथ अर्थव्यवस्था को बनाए रखा। उन्होंने बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की और कहा कि कृषि ऐसी चुनौतियों का समाधान कर सकती है। उन्होंने युवाओं से खेती, पशुपालन, किसान उत्पादक संगठन बनाने आदि को अपनाने के लिए कहा। नई तकनीक के साथ सरकार ने बड़ी संख्या में वित्तीय और अन्य प्रोत्साहन दिए हैं। उन्होंने कहा कि किसानों को सफल उद्यमी बनने के लिए प्रेरित और प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। श्री कंवर ने वैज्ञानिकों से मवेशियों पर अनुसंधान बढ़ाने के लिए कहा क्योंकि इसे ‘गौ माता’ के रूप में सम्मानित किया जाता है। उन्होंने आवारा पशुओं की समस्या के समाधान में सहयोग करने को भी कहा। उन्होंने आशा व्यक्त की कि पशु चिकित्सा वैज्ञानिक गाय अभयारण्यों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए शोध कार्य करेंगे। उन्होंने पहाड़ी गाय के दूध के महत्व पर भी बात की जिसमें अद्वितीय गुण हैं। उन्होंने स्नातकों को इंटर्नशिप पूर्णता प्रमाण पत्र वितरित किए। मंत्री ने सोलह वैज्ञानिक और तकनीकी प्रकाशन भी जारी किए। कुलपति प्रो एच के चौधरी ने बताया कि कॉलेज ने कई उपलब्धियों के साथ पूरे देश में नाम और ख्याति अर्जित की है। उन्होंने पशुपालकों के लाभ के लिए उन्नत पशु चिकित्सा मल्टीस्पेशलिटी सेंटर, पशु रोग जांच प्रयोगशाला और पशुधन फार्म में सराहनीय कार्य की सराहना की। उत्तीर्ण स्नातकों को बधाई देते हुए, कुलपति ने उन्हें ‘अधिकारी’ का टैग छोड़ने और विशिष्ट पहचान बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने वैज्ञानिकों से हिमालय के समृद्ध पौधों और पशु आनुवंशिक संसाधनों को संरक्षित और संरक्षित करने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि लाहौल-स्पीति, पांगी, भरमौर, किन्नौर आदि क्षेत्रों में भी यह सुविधा उपलब्ध है। राज्य के दूर-दराज और कम सुगम क्षेत्रों में बसे जरूरतमंद किसानों की विशिष्ट सेवा के द्वारा गुणवत्ता अनुसंधान के लिए यह सर्वोत्तम हैं।
श्री त्रिलोक कपूर, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कुल जानवरों की संख्या में 40 प्रतिशत भेड़ और बकरी थे। डॉ मंदीप शर्मा, डीन, ने बताया कि भूटान के दो छात्रों सहित पशु चिकित्सा विज्ञान और पशुपालन (बीवीएससी और एएच) स्नातक के 50 स्नातक आज पास आउट हो रहे हैं और 1986 में इसकी स्थापना के बाद से 940 छात्र पहले ही कॉलेज से स्नातक हो चुके हैं। देश राज और पंकज सूद ने भी अपने विचार व्यक्त किए। अमित गुलेरिया, एसडीएम, श्री संदीप सूद, रजिस्ट्रार और अन्य विश्वविद्यालय वैधानिक अधिकारी और वैज्ञानिक, नव स्नातकों के माता-पिता और राज्य पशुपालन विभाग के अधिकारी। समारोह में कृषि विभाग और कॉलेज के सेवानिवृत्त शिक्षक उपस्थित थे।