*भक्ति से जुड़ी गलत धारणाएं ” मेरे पास भक्ति करने का समय नहीं है”*
भक्ति से जुड़ी गलत धारणाएं
” मेरे पास भक्ति करने का समय नहीं है”
भक्ति के लिए वक्त की कमी का बहाना ना बना।
सारे रिश्ते आजमा फिर बता मेरे बिना तेरा कौन।।आजकल की भागदौड़ में सबको लगता है चाहे वह गृहणी हो वकील हो इंजीनियर हो बिजनेसमैन हो एम्पलाई हो या स्टूडेंट हूं उनके पास भक्ति के लिए समय नहीं है सोचने वाली बात यह है कि मनुष्य जीवन का उद्देश्य क्या है हमारी प्राथमिकताएं क्या हैं हम अपनी हर रूटीन एक्टिविटी को वक्त के अनुसार करते हैं टाइम निकालकर घूमने जाते हैं ,मूवी देखने जाते है , work place पर एक्स्ट्रा टाइम लगाकर ज्यादा पैसे कमाते हैं ,टीवी पर हम घंटो बर्बाद करते हैं। सोशल मीडिया फेसबुक इंस्टाग्राम पर भी हम घंटों बर्बाद करते हैं ,जब हम बीमार होते हैं तो कई कई दिन दुर्भाग्यवश कई बार कई कई महीने भी बिस्तर पर लग जाते हैं ।अपना पसंदीदा मैच देखने के लिए कई बार हम विदेशों तक चले जाते हैं लेकिन जब बारी डिवोशन की आती है तो हम कहते हैं कि हमारे पास समय नहीं है ।हम ऐसा इसलिए कहते हैं क्योंकि डिवोशन हमारी प्राथमिकता नहीं है हम यह बात समझते ही नहीं है आध्यात्मिकता या भक्ति हमारे लिए कितनी जरूरी है । भक्ति मानव जीवन के लिए कितनी जरूरी है यह समझना होगा । वास्तव में हम भौतिक संसार में इतना खो चुके हैं कि हमें भक्ति की जरूरत ही महसूस नहीं होती लेकिन भक्ति ही वह इकलौता साधन है वह मार्ग है जिससे हमें असीम शांति और परमानंद की प्राप्ति हो सकती है ।भक्ति मतलब परमेश्वर को कण कण में महसूस करना, सब का सम्मान करना, समभाव में रहना ,भक्ति हमें हमसे मिलवाती है , भक्ति से ही हमें यह ज्ञान होता है कि हम आत्मा है और आत्मा परमात्मा का मिलन ही मानव जीवन का प्रथम और अंतिम लक्ष्य है।भक्ति वह शीतल जल है जो किसी मानव को भरी धूप में तपते रेगिस्तान में मिलता है। भक्ति का आनंद तो भक्त ही महसूस कर सकता है। यह हमारा दुर्भाग्य है कि जिस परमपिता परमात्मा ने हमें मानव जीवन दिया हमारे पास उसी परम पिता का आभार व्यक्त करने का समय नहीं है और हम हमेशा उन्हीं से ही शिकायत करते रहते हैं कि हमें यह नहीं मिला हमें वह नहीं मिला जिस प्रभु ने हमें इतना कुछ दिया हमारे पास उन्हीं को ही याद करने का समय नहीं है। इसलिए अगर हम जीवन की हर परिस्थिति में खुश रहना चाहते हैं तो भक्ति ही हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए और जब तक हम भक्ति में रुचि पैदा नहीं करते हमें वक्त निकालना मुश्किल लगेगा लेकिन जैसे ही भक्ति में हमारी रुचि होगी तो हर काम भक्तिमय हो जाएगा। भक्ति के लिए समय कैसे निकालेंगे यह हम अगले लेख में चर्चा करेंगे
अगर आप भी भक्ति से जुड़ी गलत धारणा के बारे में अवगत होना चाहते हैं तो गोलोक एक्सप्रेस में दिए गए नंबर 7018026821 पर संपर्क करें।
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