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*देशभर में अंधेरे की आहट ! जानिए आखिर क्यों भारत में हो सकता है ब्लैक आउट एक अंदेशा !*

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*देशभर में अंधेरे की आहट ! जानिए आखिर क्यों भारत में हो सकता है  ब्लैक आउट एक अंदेशा !*

संकलन : नवल किशोर शर्मा

देशभर में अंधेरे की आहट ! जानिए आखिर क्यों भारत में हो सकता है एक ब्लैक आउट !

केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने कहा है कि बिजली की मांग बढ़ने के साथ ही देश भर के कुल 150 थर्मल थर्मल प्लांटों में अपर्याप्त कोयले के भंडार के कारण देश के कई राज्य बिजली की मांग और आपूर्ति के बीच की खाई को पाटने में सक्षम नहीं हैं जो गंभीर बिजली संकट का संकेत है।

सीईए की नवीनतम दैनिक कोयला रिपोर्ट के अनुसार घरेलू कोयला भंडार का प्रयोग कर रहे कुल 150 थर्मल पावर स्टेशनों में से 81 पर दिशानिर्देशों के अनुसार कोयले के स्टॉक की गंभीर कमी है। निजी क्षेत्र के 54 में से 28 ताप संयंत्रो पर भी कोयले की स्थिति भी उतनी ही खराब स्थिति में है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि उत्तरी क्षेत्र में, सबसे ज्यादा पीड़ित राज्य राजस्थान और उत्तर प्रदेश हैं। राजस्थान राज्य क्षेत्र में 7580 मेगावाट क्षमता वाले सभी सात ताप संयंत्रों पर कोयले की कमी है। उत्तर प्रदेश में अनापरा ताप संयंत्र को छोड़कर 6129 मेगावाट की क्षमता वाले राज्य क्षेत्र के चार तापीय संयंत्रों में से तीन पर कोयले की गंभीर कमी है। पंजाब में राजपुरा थर्मल में कोयले का स्टॉक 17 दिन, तलवंडी के लिए 04 दिन का शेष स्टॉक है जबकि जीवीके ताप संयंत्र पर कोयले का स्टॉक शून्य है। रोपड़ थर्मल और लहर मोहब्बत थर्मल प्लांट में स्टॉक केवल 09 और 06 दिनों के लिए पर्याप्त है। हरियाणा में यमुनानगर थर्मल में 08 दिन और पानीपत थर्मल में 07 दिन का स्टॉक शेष है। खेदार थर्मल में, जहां उत्पादन के लिए एकमात्र इकाई उपलब्ध है, कोयले का स्टॉक 22 दिनों के लिए है। उत्तरी क्षेत्र में शाम को 2400 मेगावाट की कमी है, जिसमें उत्तर प्रदेश से 1200 मेगावाट और हरियाणा से 600 मेगावाट शामिल हैं। महाराष्ट्र में सात में से छह ताप संयंत्रों पर कोयले की कमी है और आंध्र प्रदेश में सभी तीन थर्मल प्लांट पर कोयले की कमी हैं।

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