*(#आर्थिक_मंदी_के_बावजूद_प्रीमियम_कारों_की_मांग_और_पेट्रोल_डीजल_की_बिक्री_मे_उछाल)–*
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18 मई 2022– (#आर्थिक_मंदी_के_बावजूद_प्रीमियम_कारों_की_मांग_और_पेट्रोल_डीजल_की_बिक्री_मे_उछाल)–
आर्थिक मंदी, बढ़ती महंगाई , कमजोर रूपया और शेयर बाजार की खराब स्थिति के बावजूद प्रीमियम कारों की खरीद 38 फीसदी ज्यादा हुई है। यह खरीद पिछले वर्ष की तुलना मे दर्ज की गई है। प्रतिष्ठित हिंदी दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार कारों मे खरीद की बढ़ोतरी के अतिरिक्त दाम बढ़ने के बाद पेट्रोल डीजल की बिक्री मे भी उछाल आया है। उधोग के सोमवार को जारी आंकडो के मुताबिक मई के पहले पखवाड़े मे यानी 1- 15 मई के दौरान पेट्रोल की बिक्री मासिक आधार पर 14 फीसदी बढ़कर 12.8 लाख टन पहुंच गई है। डीजल की मांग 1.8 फीसदी बढ़कर 30.5 लाख टन पहुंच गई है। वही रसोई गैस की बिक्री मे 2.8% तेजी रही।
मेरे विचार मे कुछ चीज़े ऐसी है जो जीवनयापन के लिए जरूरी है। वह सस्ती हो या महंगी हो उनकी खरीददारी जरूरी भी होती है और मजबूरी भी होती है। लेकिन कमाई घटने के बावजूद प्रीमियम कारो की खरीददारी का बढना हैरान करता है। पिछले दो दशक मे समाज के जीने के तरीके मे जबरदस्त परिवर्तन आया है। समाज के बडे हिस्से ने खर्च करने की प्राथमिकताओ को बदला है। पहले जिस के पास दो समय की रोटी और सर पर छत थी वह अपने को खुश किस्मत मानता था। अब मोबाइल सबसे जरूरी हो गया है। मध्यवर्ग समाज मे पर्सनल फोन और पर्सनल गाड़ी का चलन हो गया है। मुक्त आर्थिकि के बाद लोगो की जेब मे अधिक पैसे आने शुरू हो गए है। जब पैसा आया तो खर्च की क्षमता भी बढ गई और लोगो का स्तर भी बढ गया। इसीलिए प्रीमियम कारो की खरीद मे 38% बढोतरी हुई तो छोटी कारो मे केवल 07% की बढोतरी हुई है। यह समाज की एक तस्वीर है और दुसरी तस्वीर है कि जो गरीब है या बेरोजगार है उसका जीना दुषवार है। कुछ लोग अत्याधिक मानसिक तनाव मे है। हर दूसरे दिन आत्महत्या का समाचार पढने को मिल जाता है। समाज मे बड़ा असन्तुलन देखने को मिल रहा है। इस असन्तुलन को खत्म करना या कम करना अति आवश्यक है।
#आज_इतना ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।