*प्रोफेसर और पत्रकार* *एक भावसंयमी प्रोफेसर के विचार*


*प्रोफेसर और पत्रकार* *एक भावसंयमी प्रोफेसर के विचार*

अमर शहीद कैप्टन विक्रम बत्रा कॉलेज पालमपुर के एक समारोह में कॉलेज की प्रोफ़ेसर श्रीमती आशु फुल जी अपने संबोधन में पत्रकारों के बारे में बहुत अच्छे विचार रखे जिसे सुनकर मैं बहुत प्रभावित हुआ उन्होंने कहा कि:-
“एक सांझी छत तले सार्थक विमर्श का विशाल आकाश हम सभी को इस खुली बहस के माध्यम से फैलता हुआ दिखाई दे रहा है।शिक्षा और मीडिया की इस अनौपचारिक भेंट वार्ता से ही अर्थपूर्ण संवाद संभव हो पाया है।
जिस मंजाई से ,जिस सफाई से समाचारों की बुनाई ,कटाई चिनाई हमारे आज के विशिष्ट अतिथिगण करते हैं तो यथार्थ में एक अद्भुत तराश आ जाती है।
स्पष्टता, ईमानदारी ,समर्पण इनकी व्यावसायिक मजबूरियां नहीं, विशिष्टताएं हैं जो इनकी योग्यता को तीक्ष्ण धार देती है।???? मैं समझती हूं कलम की नोक पर थिरकती प्रतिभा खास किस्म की तहजीब का आवरण जब पहन लेती हैं तो बेहतरीन परिणाम के स्वाद हम सब चखने लगते हैं।
खबर और सूचना के आसपास घूमता इनका जीवन चौकन्नेपन की बागडोर को थामें रखता है।”
हालांकि यह विचार उन्होंने डायस पर रखे थे उन्होंने पत्रकारों के बारे में बहुत अच्छे विचार रखें जिन्हें सुनकर बहुत प्रभावित हुआ और उनसे यह विचार लिखित रूप में मंगवाने मैं बिल्कुल भी संकोच न कर सका
धन्यवाद मैडम फुल ????सभी पत्रकार कोशिश करेंगे कि इस नियम पर चलें
I don’t think the title of your article matches the content lol. Just kidding, mainly because I had some doubts after reading the article.