घर से भागी लड़की, बड़ी अभागी हो जाती है बस लानत और बदुआओं की पोटली मिलती उसे!
भागी हुई लड़कियों के बाप दुनिया में सबसे बदनसीब लोग होते हैं। वो कभी इस बात को नहीं मानते कि मेरी लड़की भाग गई तो इसमें सबसे पहली गलती मेरी है। वो ये मानने को तैयार नहीं कि ” मैं” अगर नथुने फुलाये सांड की तरह उसके सामने न रहता, उसकी मम्मी से और उससे मेरी बॉन्डिंग स्ट्रांग होती तो वो नहीं भागती। मैं उसे कह सकता कि तेरी पसन्द मेरी पसन्द है, दो चार लड़के ठीक से देख ले, शादी करने की इतनी जल्दी क्या है? ज़िन्दगी भर का फैसला है, किसी एक चमन चंदू से मिलकर पागल न हो जा। प्यार व्यार कर ले लेकिन पहले पढ़ाई कर, जॉब कर, अपने पैरों पर खड़ी हो जा, फिर तुझे जो डिजर्व करता हो उसके साथ शादी कर लेना। भागी हुई लड़की का पिता कितना बदनसीब है, उसकी बेटी टीवी चैनलों और सोशल मीडिया पर फुटेज खा रही हैं। प्यार करने से इज़्ज़त घटती है, मर्डर करने से और खुदखुशी करने इज़्ज़त बढ़ती है। अपनी ही बेटी के पीछे गुंडे छोड़ देने वाले मासूम पिता से ज़्यादा बदनसीब कौन हो सकता है?
वही तो, बिटिया बाप की पगड़ी उछाल रही है! न उछालती तो कहीं पेड़ से लटकी मिलती!
जो करेगा वो भरेगा……
वैसे ऐसे भी बड़े उदहारण हैं आस पास के मामा बुआ मासी के बच्चों ने आपस मे शादी कर ली, मीडिया और लोगों को चाहिये कि संस्कृति पर ध्यान दो जो वेंटीलेटर पर है। वैसे अपने भाई-बहनों और घर पर नज़र रखें तो ज्यादा बेहतर होगा हालात बहुत खराब हैं, जोशी जैसे जोश में हैं और खुद के रॉकस्टार और एंजल कहां, कब क्या करें कुछ कहा नहीं जा सकता। जिनके बेटियों नहीं वो भी यह ना सोचें कि कभी होंगी भी नहीं।
बेटियों से भी अनुरोध है कि पहले अपने भविष्य पर ध्यान दें, महिलाओं की लड़ाई ज़िन्दगी भर चलती है। माता-पिता बेहतर ही सोचते हैं, बस हम उम्र के उस तकाज़े को पार कर जायें और गौर से सोचें, निर्णय लें तो ज़िन्दगी जन्नत बन जाती है।