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*निगोड़े टमाटर:-एक व्यंग**लेखक विनोद शर्मा वत्स*

 

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( निगोड़े टमाटर) एक व्यंग

इक टमाटर ने
दूसरे टमाटर से पूछा
भैया
ये तुम्हारा नाम लेकर
तुम्हे बदनाम किया जा रहा है
अनाप शनाप वीडियो बनाके
तुम्हे हैरान किया जा रहा है
अरे अब तो
अपने यहाँ भी भेदभाव हो गया है
लाल एक तरफ, कम लाल दूसरी तरफ, पीला बिल्कुल अलग,
और पिलपिले कि तो मौज आ गई हैं,
गरीब के घर रोज पक रहा है
फिर चाहे
उसे खाकर  गरीब बीमार ही क्यों न हो जाये
लेकिन टमाटर खाना हैं
उसके बिना जियेगा कैसे
और तो और
आप सो रुपये किलो बिक रहे हो बड़के भैया
मैं कम लाल अस्सी रुपये किलो
और छुटका पीला ओने पोन दाम बिक रहा है।
इस इंसान को तो देखो
यहाँ भी भेद कर दिया
एक टमाटर चार हिस्सो में कर दिया
हमारे परिवार में फूट डाल दी है
लगता हैं कोई तेज़ दिमाग है
अरे कुछ लोगो ने तो अपनी अलग पार्टी बना ली है
मोदी जी के खिलाफ ।
चुनाव लड़ने की तैयारी कर ली है
चीन से फंड आ रहा हैं  उनसे टक्कर लेने के लिये
लेकिन ये भूल जाते है अभी थोड़े दिन पहले मोदी जी ने चीन की रेल बनाई थी
सुना है
अमेरिका जाकर अमेरिका में टमाटर पार्टी चिन्ह रजिस्टर्ड कराया जा रहा है।
बस
महूर्त किसी बड़े नेता से कराने का है
जो आये और टमाटर पर चल रही महंगाई की लड़ाई में
अपना योगदान देकर
शहीदों में अपना नाम लिखवाये
और
एक अच्छी खबर ये है सारी सब्जियों ने टमाटर को अपने सब्ज़ी समाज से अलग कर दिया है।
और गुस्से में बोले एक एंकर की तरह
तेरी हिम्मत कैसे हुई
मोदी जी के विरुद्ध
छुट भइये नेता का साथ देने की
हम सब तेरा बहिष्कार करते है
और सब्जी परिवार से तुझे बाहर करते है
मर नही जाता अगर हफ्ता भर
लोग तुझे नही खाते और
लोगो की नज़रों से गिरने से भी बच जाता निगोड़े टमाटर।

विनोद शर्मा वत्स

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