*सुबह की चौधराहट: लेखक राकेश कोरला पूर्व प्रशासनिक अधिकारी*
*सुबह की चौधराहट: लेखक राकेश कोरला पूर्व प्रशासनिक अधिकारी*
” सुनो जी ।”
हाई कमान उर्फ श्रीमति जी के मुखारविंद से सुबह – सुबह उपरोक्त शब्द सुनते ही मैं यह सोच कर घबरा गया कि कोई शासनादेश या कोई फरमान आने वाला है ।
मैंने डरते – डरते कहा , ” सुनाईये जी ।”
गंभीर मुद्रा में कहने लगीं , ” यह बताईये कि दशानन रावण के कितने सिर और चेहरे थे ?”
” जितने सिर , उतने ही चेहरे होंगे। हमने जो पढ़ा सुना है , उसके अनुसार दशानन रावण के 10 सिर थे। धर्म कहता है 10 दिशाएं होती हैं, और रावण 10 दिशाओं पर नियंत्रण कर सकता था। लेकिन 10 सिर से तात्पर्य कुछ और भी है। दरअसल रावण के गले में 9 मणियों की एक माला थी। यह माला रावण के 10 सिर होने का भ्रम पैदा करती थी।”
कुछ रूक कर मैंने फिर कहा , ” राममय माहौल में रावण की बात क्यों ?”
“कल एक राष्ट्रीय पार्टी के सम्मानीय अध्यक्ष महोदय रावण के सौ चेहरों का जिक्र कर रहे थे ।”
चेहरे पर व्यंग्यात्मक मुस्कान दर्शाते हुए कहने लगीं।
” अरे , भागवान , इनकी बातों को गंभीरता से मत लिया करो और खासकर चुनावों के दौरान।
बड़े लोगों की जुबान भी बड़ी होती है और अक्सर फिसल जाती है। कोई किसी की तुलना सद्दाम से करता है , कोई रावण से।
देश के सभी मुद्दे तो इन्होंने सुलझा ही दिए हैं। इन्हें बेरोजगारी , भुखमरी , मंहगाई नजर ही नहीं आती। अत: इनकी बातों को गंभीरता से मत लिया करो।।”
मैंने समझाने की कोशिश की।
” किस किस की बातों को नजरअंदाज करूं ?
इजराइल के फिल्म निर्देशक, नादव लैपिड ने आईएफएफआई गोवा में न्यायाधीशों के पैनल की अध्यक्षता करते हुए हमारी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को ‘ जो अश्लील’ , propoganda और ‘अनुचित’ कहा , उसे भी क्या गंभीरता से न लूं ? जो भी आता है , कुछ भी कह कर चला जाता है। ”
थोड़ा सा रूक कर फिर दहाड़ने लगी ,
” क्षमा शोभती उस भुजंग को
जिसके पास गरल हो ,
उसको क्या जो दंतहीन ,
विषरहित, विनीत, सरल हो।”
हाई कमान के बढ़ते पारे को देखकर मैंने चुपचाप वहाँ से खिसकना ही बेहतर समझा।
अब उपर वाली मंजिल में धूप सेक रहा हूँ।
तापमान देखकर ही नीचे जाऊँगा।
राकेश कोरला।
पुष्पांजलि।
पालमपुर।
हिमाचल प्रदेश।
30.11.2022
#सुबहकीचौधराहट