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*सोलन शिव रात्रि विशेष*जटोली शिव मंदिर का इतिहास*

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जटोली शिव मंदिर का इतिहास

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जटोली में मंदिर की स्थापना स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने 1973 की थी जो 1983 में ब्रह्मलीन हो गए।
स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज1950 में जटोली आए थे। इस स्थान पर एक गुफा नुमा छोटी सी जगह में रहते थे अपनी गद्दी पर बैठकर लोगों के दुखों का निवारण करते थे उनकी समस्या सुनते और उसका हल बताते थे।

जटोली शिव मंदिर भारत देश के हिमाचल प्रदेश राज्य के सोलन जिले में स्थित है, जिसकी स्थापना श्री श्री 1008 स्वामी कृष्णानंद परमहंस महाराज ने की थी। 1974 में मंदिर का निर्माण कार्य शुरू हो गया था। जटोली की हसीन वादियों में स्थित है यह भव्य शिव मंदिर।
इसका निर्माण पिछले कई दशकों से चल रहा है।जटोली शिव मंदिर को पूरी तरह तैयार होने में करीब 39 साल का समय लगा। करोड़ों रुपये की लागत से बने इस मंदिर की सबसे खास बात ये है कि इसका निर्माण देश-विदेश के श्रद्धालुओं द्वारा दिए गए दान के पैसों से हुआ है। यही वजह है कि इसे बनने में तीन दशक से भी ज्यादा का समय लगा।

जटोली में मंदिर की स्थापना स्वामी कृष्णानंद परमहंस ने 1973 की थी जो 1983 में ब्रह्मलीन हो गए।

स्वामी कृष्णानंद के समाधि लेने के बाद मंदिर प्रबंधक कमेटी ने मंदिर का निर्माण जारी रखा। मंदिर में हाल ही में 11 फुट लंबा स्वर्ण कलश चढ़ाया गया है। इससे मंदिर की ऊंचाई करीब 122 फुट तक पहुंच गई। कमेटी का दावा है कि यह उत्तर भारत का सबसे ऊंचा शिव मंदिर है। जटोली स्थित शिव मंदिर में जल्द ही 17 लाख रुपए की लागत का स्फटिक शिवलिंग की स्थापना और प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

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