*नगर निगम पालमपुर के अंतर्गत लोगों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कड़कड़ाती ठंड में लोग टेंट में रहने को मजबूर*
*नगर निगम पालमपुर के अंतर्गत लोगों को नहीं मिल रहा प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ कड़कड़ाती ठंड में लोग टेंट में रहने को मजबूर*
Bksood chief editor

पालमपुर में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को नहीं मिल रही इस योजना की धनराशि। पालमपुर में नगर निगम मैं वार्ड नंबर 1 लोहना के कुछ गरीब परिवार पिछले 3 महीनों से अपना घर छोड़कर टेंट में रहने को मजबूर है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ मिलने का वादा किया गया था, जिसके तहत कुछ लोगों ने अपने पुराने कच्चे मकान तोड़ कर वहां पर नींव बना दी और छत उखाड़ दी गरीब दी लोग ने यह सोच कर अपनी छतें तो उखाड़ दी घर गिरा दिए तथा कि शीघ्र ही उन्हें पैसे मिल जाएंगे और वह शीघ्र ही अपने कच्चे मकानों में शिफ्ट हो जाएंगे यह हसीन सपना संजोए वह कुछ लोग टेंट में रहने लगे और कुछ लोग पड़ोसियों के घरों में शरण लेकर रहने लगे तथा जिनके पास थोड़ा बहुत पैसा था वह किराए के मकान में रहने लगे।
इस बार सर्दी का मौसम बहुत भयानक रहा इस मौसम में इन लोगों को अपना घर छोड़कर( चाहे वह कच्चा था) टेंट में रहना बहुत ही कठिन तथा कष्ट भरा अनुभव रहा ।
लोहना के निवासी कुलदीप कुमार ने कहा कि यहां पर 16 मकान ऐसे हैं जिन्हें इस योजना के लिए तोड़कर नीवें बिछा दी गई लेकिन सरकार की तरफ से अभी तक उन्हें एक भी पैसा नहीं मिला है ,तथा वह अपने छत तोड़कर ना घर के ना घाट के।
वह हर रोज दफ्तरों के चक्कर लगाते हैं लेकिन दफ्तरों से उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिलता है पवना देवी का कहना है कि वह भी इस योजना में शामिल है और वह पराये घर में रह रही हैं। नवंबर से लेकर आज तक वह लोगों के घर में रहे रही हैं उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है परंतु उन्हें सुनने वाला कोई नहीं। इसी वार्ड की सुरेखा देवी ने कहा कि उन्होंने भी अपना घर उखाड़ कर पक्के घर का सपना संजोया था कि उन्हें शीघ्र ही अपना पक्का घर मिल जाएगा लेकिन इस सपने में उन्होंने अपना कच्चा मकान भी गंवाना पड़ा ।
आप सोचिए की इतनी कड़कड़ाती ठंड में अपने घर की छत को छोड़कर टेंट में रहना कितना कष्टदायक हो रहा होगा। इन लोगों के लिए मकान बेशक कच्चा ही था लेकिन उसमें चारदीवारी तो थी उसके ऊपर छत तो थी, और वह उन्हें सर्दी तथा बरसात से बचाता तो था, परंतु इस योजना के हसीन सपने उनके सारे अरमानों पर पानी फेर दिया था ,और वह घर के रहे न घाट के ।ना तो उन्हें पक्का मकान मिला और इस सपने में उन्होंने अपने कच्चे मकान भी तोड़ दिए। लोगों का कहना था कि अगर सरकार के पास योजना के लिए पर्याप्त धन नहीं था तो उन्हें यह आश्वासन क्यों दिया गया, कि उन्हें 4 महीने में उन्हें अपना घर मिल जाएगा, लेकिन पिछले कई महीनों से वह कड़कड़ाती ठंड तथा ऊपर से बरसात में टेंट में रहने को मजबूर हैं जिसमें उन्हें जंगली जानवरों का भी खतरा है तथा साथ में जंगल झाड़ियां होने के कारण कोई भी जहरीला सांप बिच्छू या कोई अन्य जानवर उन्हें काटकर उनकी जान ले सकता है।
इस विषय पर जब नगर निगम की मेयर पूनम बाली से बात की गई तो उनका कहना था कि योजना के तहत निगम की तरफ से 6 से 7 करोड़ रूपया का एस्टीमेट तथा परियोजना के एस्टीमेट सरकार को दिए गए थे जिसमें से अभी तक उन्हें केवल 30लाख ही प्राप्त हुए हैं ,जो कि जरूरतमंद लोगों को आवंटित कर दिए गए हैं ।

Mayor Palampur
उन्होंने बताया कि नगर निगम ने 340 ऐसे घरों का एस्टीमेट अर्बन डेवलपमेंट विभाग को दिया था जिसमें सभी को ₹1,85,000 दिया जाना था और यह ₹185000 उन्हीं को दिया जाना था जो अपनी फाउंडेशन डलवा लेंगे इनमें से कुछ लोगों ने अपने घर उखाड़कर फाउंडेशन डलवा ली है लेकिन संबंधित विभाग से अभी तक पैसा नहीं आया है जिसकी वजह से यह लोग परेशान हो रहे हैं ।जैसे ही संबंधित विभाग से पैसा आएगा इन लोगों को तुरंत ही यह पैसा आवंटित कर दिया जाएगा इसमें नगर निगम की तरफ से बिल्कुल भी कोताही नहीं बरती जाएगी ऐसा उनका कहना था।
उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि सरकार शीघ्र से शीघ्र यह ग्रांट रिलीज करें ताकि लोगों की जान माल की हिफाजत हो सके तथा उन्हें परेशानियों से बचाया जा सके ।
सरकारी सिस्टम में फंसे इस पेंच में गरीब लोग कितने परेशान हो रहे हैं अपना कच्चा घर तोड़कर टेंट में रहना कितना दुश्वारियों भरा होता है यह कोई संवेदनशील व्यक्ति ही समझ सकता है। सरकारी फाइलें या सिस्टम इसे कभी नहीं समझेगा।
Officer hi kaam nhi krte
Ek ladka ke bechare ma baap nhi hai 21 year age pur koyi help nhi mili chowki patwari kaam nhi krta 3 baar file di………..
na baat krne ki tamiz hai …