_*अमृत_पाल_मोगा_से गिरफ्तार लेखक महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*
25 अप्रैल 2023- (#भगौड़ा_अमृत_पाल_मोगा_से-गिरफ्तार।)-
वारिस पंजाब दे का मुखिया एवं पंजाब पुलिस द्वारा भगौड़ा घोषित अमृत पाल सिंह को पंजाब पुलिस ने 36 दिनों के बाद मोगा जिले के अधीन पड़ते भिडरांवाला के गांव रोडे स्थित गुरूद्वारा संत खालसा से गिरफ्तार कर लिया है। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत हुई यह गिरफ्तारी एक अच्छी खबर और शुभ संकेत है, लेकिन मेरी समझ मे जिस तरह एक देश द्रोही और खालिस्तान समर्थक अमृत पाल सिंह ने लगतार 36 दिनों तक पुलिस को छकाया और चकमा दिया है वह चिंता का विषय है। वह लगातार 36 दिन तक भागता रहा और पुलिस उसका पीछा करती रही। मेरे आंकलन के अनुसार इस भागम- भाग के दौरान अमृत पाल की दर्जनो लोगो ने मदद की होगी। उसके ठहरने की और खाने की व्यवस्था की होगी।
मेरे विचार मे एक संगठित गिरोह की मदद के बिना इतनी लम्बी अवधि तक पीछा करती पुलिस से बचना अगर असम्भव नहीं तो अति कठिन अवश्य है। उसके इस भगौड़ा काल की विवेचना अति जरूरी है और उन सभी को जिन्होने इस दौरान अमृत पाल की मदद की है को गिरफ्तार कर उन पर कानून के अनुसार कार्यवाई होनी चाहिए।अमृत पाल सिंह एक व्यक्ति नहीं बल्कि वह राष्ट्र विरोधी सोच का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे गिरोह और सोच को खत्म करने के लिए सख्त कार्यवाई और इच्छा शक्ति की जरूरत है। अतः उसका भिडरांवाला की जन्म स्थली से गिरफ्तार होना भी एक सोची समझी चाल का हिस्सा हो सकती है क्योंकि जिस राष्ट्र विरोधी सोच की मै बात कर रहा हूँ जरनैल सिंह भिडरावाले को उसका जनक समझा जाता है। हालांकि पंजाब पुलिस का दावा है कि उसकी गिरफ्तारी इंटैलीजैस के सटीक इनपुट के बाद हुई है। दुसरी ओर अंग्रेजी दैनिक की रिपोर्ट के अनुसार अकाल तख्त के पूर्व जत्थेदार जसवीर सिंह रोडे जो कि जरनैल सिंह भिडरांवाले के भतीजे है ने इस गिरफ्तारी में मध्यस्थ की भूमिका अदा की है। खैर अब अपराधी असम जेल की हवा खा रहा है। मेरी समझ मे सरकार को ऐसी कार्य योजना बनानी चाहिए की इन राष्ट्र विरोधियो को सख्त सजा मिले और राष्ट्र विरोधी सोच भी हमेशा के लिए खत्म हो जाए।
#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।