पाठकों के लेख एवं विचार

*आगे_दौड़_पीछे_चौड़* महेंद्र नाथ सोफत पूर्व मंत्री हिमाचल प्रदेश सरकार*

1 Tct
Tct chief editor

18 मई 2023 (#आगे_दौड़_पीछे_चौड़ )-

आगे दौड़ पीछे चौड़ कथन का अर्थ है नया काम पुराने काम की कीमत पर करना। यह कथन हिमाचल के स्वास्थ्य विभाग पर बिल्कुल सटीक बैठता है। हिमाचल मे एम्स बिलासपुर सहित सात मैडिकल कालेज है, लेकिन इनमे आई.जी.एम. सी सबसे पुराना और प्रदेश का विश्वसनीय अस्पताल और मेडिकल कॉलेज है। प्रदेश स्तरीय आई.जी.एम.सी मे सारे प्रदेश के रोगी इलाज के लिए आते है। यहां पढ़ कर डॉक्टर बने छात्र राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बना चुके है। पी.जी.आई के निर्देशक तक रह चुके है। एम्स दिल्ली मे भी उच्च पदों पर अपनी सेवाएं दे चुके है। हालांकि हिमाचल सरकार प्रदेश की मेडिकल सेवाओं को वर्ल्ड क्लास बनाने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराती रहती है, लेकिन सरकार की कार्यपद्वति उसकी प्रतिबद्धिता के विपरीत दिखाई देती है। नये मेडिकल कॉलेज और एम्स आई.जी.एम.सी जैसे स्थापित संस्थान का बंटाधार कर चलाए जा रहे है।

प्रतिष्ठित दैनिक मे छपी रिपोर्ट के अनुसार आई.जी.एम.सी नए खुले मेडिकल कॉलेजों एवं एम्स की प्राथमिकता का शिकार हो रहा है। अखबार की रिपोर्ट के अनुसार यहां के वरिष्ठ डॉक्टरों को नए खुले मैडिकल कालेजो मे भेजा गया है। नैफ्रोलाजी विभाग का किस्सा तो बहुत ही दिलचस्प और चिंताजनक है। आई.जी.एम.सी के इस विभाग मे तीन डॉक्टर तैनात थे इन तीनो डॉक्टरो ने एम्स बिलासपुर को ज्वाइन कर लिया है। अब इस विभाग मे एक भी नैफ्रोलाजी का डॉक्टर नहीं है। इस के कारण अब प्रदेश स्तरीय अस्पताल मे किडनी ट्रांसप्लांट लटक गए है। स्मरण रहे कि प्रदेश मे किडनी ट्रांसप्लांट सिर्फ आई जी एम सी मे ही होता है। मेरी समझ मे यह मामला निश्चित तौर पर मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री के संज्ञान मे होगा लेकिन उनकी अकर्मण्यता अस्वीकार्य है। मेरे विचार मे पुराने स्थापित स्वास्थ्य संस्थानो की कीमत पर नए संस्थान चलाने से दोनो संस्थान पंगु हो जाएगें। नए संस्थान खोलने का अभिनंदन है लेकिन उसके लिए अलग से शिक्षक डॉक्टरो का प्रबंध करना होगा। राष्ट्रीय स्तर पर खुली भर्ती करनी होगी। सरकार प्रदेश के अस्पतालो को छोड़कर एम्स जाने को प्रतिबन्धित करे या एन ओ सी जारी न करें। एम्स केन्द्रीय सरकार का अस्पताल है निश्चित तौर पर वहां पर प्रदेश के बाहर से डॉक्टरो के आने और सेवायें देने की अधिक उम्मीद की जा सकती है।

#आज_इतना_ही कल फिर नई कड़ी के साथ मिलते है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button