


कृष्णा लैब की कार्यप्रणाली शक के घेरे में अस्पताल प्रशासन बेबस या मूकदर्शक।
कृष्ण लैब की कार्यप्रणाली पर अक्सर लोगों का गुस्सा फूटता रहता है फिर वह चाहे डॉक्टर की पर्ची की फोटो स्टेट करवाने का मामला हो या टेस्ट रिपोर्ट लेने का मामला हो या टेस्ट के लिए लंबी-लंबी लाइनों में खड़े होने का मामला ।कुछ लोगों ने आरोप लगाया है कि यहां पर भाई भतीजावाद का बोलबाला हो रहा है कुछ लोग घंटो घंटो लाइन में खड़े रहते हैं लेकिन उनका बारी नहीं आती जब बारी आती है तो उन्हें फोटो स्टेट करने के लिए भेज दिया जाता है । जब हम फोटोस्टेट की कॉपी लेकर आते हैं तो उन्हें फिर से लाइन में लगना पड़ जाता है तो अगर किसी मरीज को एक टेस्ट करवाना हो तो उसका अधिकतम समय टेस्ट रिपोर्ट लेने में लग जाता है। कई बार समय पर टेस्ट टेस्ट रिपोर्ट नहीं आती और कुछ लोगों की रिपोर्ट्स में काफी गड़बड़ की शिकायत है वैसे तो यह टेक्निकल मामला है लेकिन कुछ लोगों ने बाहर कि किसी दूसरे लैब में टेस्ट करवाया और इस लैब में टेस्ट करवाया तो टेस्ट रिपोर्ट में काफी फर्क नजर आता है ।कुछ डॉक्टर लोग भी इनके रिपोर्ट से सहमत नहीं है सबसे बड़ी दिक्कत तो मरीजों को फोटो स्टेट करने के लिए होती है क्योंकि जब वह लाइन में खड़े खड़े होकर विंडो पर पहुंचते हैं तो एंट्री करने के बाद उन्हें वापस फोटोस्टेट के लिए भेज दिया जाता है और फोटोस्टेट करवाने के बाद फिर से उन्हें लाइन के अंतिम छोर पर लगना पड़ता है जिससे उनका बहुत समय नष्ट हो जाता है ।हिमाचल प्रदेश सरकार में आउटसोर्स किया है लेकिन मरीज और डॉक्टर इससे खुश है या नहीं इस बात की परवाह नहीं की है।

Both reports are of one pt, within one day liver nd lipid reports hv drastically changed from gross abnormality to almost normal . Haemoglobin from 12 to 14 without any medication.
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यहां यह कहना उल्लेखनीय रहेगा कि लोगों से बात करने पर यह पता चला कि इससे पहले राज्य सरकार से s.r.l. lab का अनुबंध था जिसके रिजल्ट्स सर्विसेज और स्टाफ का बिहेवियर फैसिलिटी तथा अन्य हॉस्पिटल में उसकी मान्यता अक्सेप्टिबिलिटी बहुत अच्छी थी क्योंकि s.r.l. लैब की मान्यता पूरे देश में सरकारी और निजी सभी हॉस्पिटल मानते हैं स्वीकार करते है।