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*डेरा बाबा बड़भाग सिंह ऊना हिमाचल प्रदेश*

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उत्तर भारत का प्रसिद्ध बाबा वडभाग सिंह की तपोस्थली मैड़ी ऊना से 42 किलोमीटर दूर है। इसकी गणना उत्तर भारत के प्रसिद्ध तीर्थस्थलों के रुप में की जाती है। यह पवित्र स्थान सोढी संत बाबा वड़भाग सिंह (1716-1762) की तपोस्थली है। 300 वर्ष पूर्व बाबा राम सिंह के सुपुत्र संत बाबा वड़भाग सिंह करतारपुर पंजाब से आकर यहां बसे थे। कहा जाता है कि अहमद शाह अब्दाली के तेहरवें हमले से क्षुब्ध् होकर बाबा जी को मजबूरन करतारपुर छोड़कर पहाड़ों की ओर आना पड़ा था।जिस स्थान पर गुरुद्वारा स्थित है उसे मैड़ी कहा जाता है तथा जिस स्थान पर बाबा जी ने तपस्या की थी उसे मंजी साहब कहा जाता है। हर वर्ष होली के दिन मैड़ी में 10 दिवसीय मेला लगाया जाता है। समूचे उत्तर भारत-पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से व देश के अन्य भागों से 15 लाख के लगभग लोग भूत-प्रेत आत्माओं से छुटकारा पाने के लिए यहां आते हैं। बाहर से आए लोग टोलियों में बैठ जाते हैं और फिर उनका इलाज किया जाता है। जो लोग भूत-प्रेत आत्माओं को निकालने का काम करते हैं उन्हें ‘मसंद’ कहा जाता है, जबकि भूत-प्रेत आत्माओं से ग्रस्त को ‘डोली’ कहा जाता है। यह मसंद टोलियों में बैठे रोगियों की दुष्ट आत्माओं को निकालते हैं। बाद में व्यक्ति को पवित्रा ‘चरण गंगा’ में स्नान करवाते हैं, ऐसा विश्वास है कि मैड़ी स्थल पर शरीर से भूत-प्रेत आत्माएं निकल जाने के बाद कभी भी शरीर में दोबारा प्रवेश नहीं करती हैं।

 

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