Editorial *इंडिया और भारत में फर्क है*
इंडिया और भारत में फर्क है
इंडिया एक चमचमाता हुआ दर्शन है । जहां विभिन्न देशों के राष्ट्राध्यक्ष और धनाढ्य वर्ग पांच सितारा होटलों में सोने के वर्तनो में भोजन करते है और जनता के बारे में फैसले करते है । दुनियां की बेहतरीन और महंगी व्हिस्की का आनंद लेते है और बेहतरीन लक्जरी गाडियों का आनंद लेते हैं । दुनिया की बेहतरीन सुरक्षा व्यवस्था उनको मिलती है , बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं उनको मिलती है । अगर विदेशी मेहमानों की बात न भी की जाए तो देसी नेता भी इसका लुत्फ उठाते है । न कभी इनको बिजली की समस्या होती हैं न पानी की । इनकी बीवियां साफ़ पानी के लिए घड़े उठाए पानी के लिए भाग दौड़ नही करती । आलीशान सर्व सुविधा संपन्न इनके बंगले है । भारत हो या विदेश इनको उत्कृष्ट चिकित्सा सुविधाएं प्राप्त होती है इंडिया में । कानून की धज्जियां उड़ाते हैं , मंदिर हो या अन्य धार्मिक स्थल इनको वारी से पहले दर्शन की इजाजत होती है । पक्ष हो या विपक्ष इनकी सुविधाओं मे कोई अंतर नही होता । सब कुछ फ्री में और पेंशन अलग । जब दिल चाहे अपनी तनखाहे बढ़ा लेते हैं । बैंक भी आंखें बिछाए तैयार रहते है इनके इशारों पर पैसा बांटने में । भ्रष्टचार में या किसी अपराध में सजा भी हो तो बडी बेशर्मी से देश की फिक्र करते नजर आएंगे और जनता फूलों के हार लिए सदैव तैयार रहती है । किसी अपराध में जमानत या आरोपी होने के बावजूद कोई सुविधाओं में कमी नहीं होती । इंडिया में हो या भारत में इनका दायरा अलग होता है । भारत इनको चुनता है और यह इंडिया में दाखिल होते हैं। जितने भी बड़े संस्थान है वो सब इनके नियंत्रण में होते हैं और उन संस्थानों की चमक यह भारत को दिखाते हैं । जब भी विदेश से महमान आते हैं यह भारत को ढक देते हैं ।
दूसरी तरफ भारत है जिसमे 80 करोड़ लोग मुफ्त के राशन पर निर्भर हैं ।जिनके लिए सुविधा के नाम पर अस्पतालों की भीड़ है । कई जगह तो एक ही बिस्तर पर दो दो आदमी इलाज करवा रहे होते हैं । गंदगी के ढेर हैं , नदियों में गिरती गंदगी है , हर गांव और शहर में बिखरी गन्दगी आपको दिखाई दे जाती है । कहीं भी जाए आपको लंबी लंबी कतारों में लगा भारत दिखाई दे जायेगा । किसान धूप और वारिश में काम करते दिखाई देंगे जिनकी मेहनत का मुआवजा इंडिया वाले हड़प जाते हैं । बिना सुरखा उपकरणों के गंदगी के नालों और खड्डों में लोग काम करते दिखाई देंगे या कभी मरते भी दिखाई देंगे । कभी कभार मजबूरी में अपनो की लाश उठाए लोग भी दिखाई दे जायेंगे । बहुत से लोग नंगे पांव भी दिखाई देंगे और कूड़े के ढेर में भोजन तलाश करते या फिर कहीं जूठन तलाश करते भी दिखाई दे जायेंगे । डिग्री है तो नौकरी नहीं कोई काम है तो कुशलता नही । आवारा पशु भारत की गलियों से लेकर सड़कों पर गंदगी फैलाते और गंदगी में भोजन तलाश करते दिखाई दे जायेंगे ।कभी दुर्घटना का शिकार होते या किसी मानव के प्राण लेते भी मिल जायेंगे । हर बड़े शहर के इर्द गिर्द आपको भारत की गन्दी वास्तियां दिखाई देंगी । कहीं नल है तो पानी नही और कहीं गंदे पानी में नहाते बच्चे मिल जायेंगे । बिजली के कट हैं कही बिजली नही है । लेकिन फिर भी धार्मिक जलूसों मे आनंदित होते लोग मिल जाएंगे या फिर भीड़ के रूप में दंगा करते दिखाई देंगे । कानून और नियम इन पर लागू करने के लिए भारत की पोलिस के पास डंडा है और अपशब्द है । अपने ही नागरिकों को कई बार बेगुनाह होते हुऐ बरसो जेलों में सड़ाने के लिए नियम हैं । सुरक्षा का आलम यह हैं कि बेटियां या महिलाऐं कहीं सुरक्षित नहीं हैं न घर में न स्कूल में न काम करने के स्थान पर न सड़क पर और न वीराने में यहां तक कि गर्भ में भी नही । भारत में तकलीफ़ है दर्द है भूख है और संताप है फिर भी जब इंडिया चांद पर पहुंचता है तो तालियों की गड़गड़ाहट है या फिर जब टीम इण्डिया जीतती है तो मालामाल भी यही भारत करता है लेख को और लंबा न खींचते हुए यही विराम देता हूं । प्रबुद्ध पाठक खुद अंदाज लगा लेंगे कि इंडिया और भारत में फर्क है ।
उबाली ।