*पालमपुर या घुग्घर या फिर हिमाचल में कहीं पर भी U-शेप नालियों की वजह से बढ़ा ट्रैफिक जाम, दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ा ,जनता परेशान*
PWD के फील्ड स्टाफ को स्कूटी या दोपहिया वाहन पर चलकर ही सड़कों की सही स्थिति का मालूम पड़ सकती है ऊंची सरकारी गाड़ियों में बैठकर नहीं


पालमपुर या घुग्घर या हिमाचल में कहीं पर भी U-शेप नालियों की वजह से बढ़ा ट्रैफिक जाम, जनता परेशान

शिमला। घुग्घर क्षेत्र में हाल ही में बनी U-शेप नालियों ने सड़क की चौड़ाई को एक से डेढ़ फुट तक कम कर दिया है, जिससे ट्रैफिक जाम की समस्या गंभीर हो गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि तंग सड़क पर इस तरह की गहरी नालियां बनाना न केवल यातायात बाधित कर रहा है, बल्कि दुर्घटनाओं का कारण भी बन रहा है।
बीती रात 9 बजे, इंफिनिटी के पास एक कार का टायर U-शेप ड्रेन में चला गया और वह वहीं फंस गई। इस घटना ने न केवल ट्रैफिक को घंटों बाधित किया, बल्कि वाहन चालकों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी। सवाल उठता है कि यदि गाड़ी में कोई महिला होती या स्कूटी सवार होता, तो स्थिति कितनी भयावह हो सकती थी?
यह समस्या केवल इंफिनिटी के पास तक सीमित नहीं है। PWD कार्यालय के ठीक पीछे बने ड्रेनों की हालत भी कुछ ऐसी ही है। सड़क की चौड़ाई कम होने और U-शेप ड्रेनों के कारण वाहन चालकों को आए दिन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं कि क्या PWD के इंजीनियरों को यह नहीं समझ आता कि इन नालियों को V-शेप बनाकर कंक्रीट से कवर किया जाए, जिससे न केवल दुर्घटनाएं कम होंगी, बल्कि यातायात भी सुचारु रहेगा।
टू-व्हीलर और पैदल यात्रियों पर सबसे ज्यादा असर
सबसे अधिक प्रभावित टू-व्हीलर और पैदल यात्री हो रहे हैं। गहरी नालियों में गिरने से वाहन चालकों की टांग टूटने जैसी दुर्घटनाओं की संभावना बनी रहती है। वहीं, पैदल चलने वालों के लिए यह क्षेत्र जोखिम भरा हो गया है।
ट्रैफिक पुलिस भी परेशान
इन नालियों के कारण ट्रैफिक जाम की समस्या से ट्रैफिक पुलिस भी जूझ रही है। छोटी-सी लापरवाही पूरे यातायात को बाधित कर देती है, और इसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ता है।
जनता की मांग: V-शेप ड्रेनों का निर्माण
स्थानीय निवासियों का कहना है कि PWD को इस समस्या को गंभीरता से लेना चाहिए। U-शेप नालियों को V-शेप में बदलने और उन्हें कंक्रीट से ढकने की मांग लगातार उठ रही है। इससे न केवल दुर्घटनाएं कम होंगी, बल्कि यातायात भी सुचारु रहेगा।
सरकारी गाड़ियों का विशेषाधिकार?
स्थानीय लोगों ने यह भी आरोप लगाया है कि PWD और अन्य विभागों के अधिकारी इन समस्याओं पर ध्यान नहीं देते क्योंकि वे ऊंची सरकारी गाड़ियों में चलते हैं, जो इन ड्रेनों और गड्ढों का प्रभाव नहीं महसूस करतीं।
सरकार और संबंधित विभागों को चाहिए कि इस समस्या का जल्द समाधान करें, ताकि घुग्घर की जनता को राहत मिल सके और यातायात व्यवस्था सामान्य हो सके।

अभी 6:00 बजे पटवारखाने के सामने मैं स्वयं भी दुर्घटना का शिकार होने से बचा क्योंकि दोनों साइड ट्रैफिक रुकी हुई थी पीछे से एक बस वाला आया मैने खुद को बचाने के लिए गंदी नाली में घुसने की कोशिश की परंतु किस्मत थी कि बच गया मारना बस वाला मुझे कुचल हीं देता। अगर थोड़ा सा बैलेंस बिगड़ जाता तो पैर फ्रैक्चर हो जाता