भाई दूज के शुभ अवसर पर आप सभी के लिये मेरी नई रचना जिसका शीर्षक है
भाई दूज
सूने माथे पे तिलक लगा बहन भाई का बढ़ाती अभिमान।
भाई दूज का दिन ऐसा भाई रखे बहन का मान सम्मान।
आज के दिन भाई जाता बहना के घर तिलक कराने।
खुशियों का उपहार ले जाता बहना के घर इसी
बहाने।
बहना को ऐसा लगता जैसे घर आये उसके भगवान।
भाई दूज का दिन ऐसा भाई रखे बहन का मान सम्मान।
उससे पूछो जिसकी बहन नही माथा सूना ले घूमता है।
लेकिन सबकी बहनों को इज्जत दे खुशी में झूमता है।
उसके है संस्कार यही वो हर बहन का करता है
सम्मान।
भाई दूज का दिन ऐसा भाई रखे बहन का मान सम्मान।
विनोद शर्मा वत्स