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*Editorial Mahendra Nath sofat*:*हिमाचल_का_राजनैतिक_संकट_और _डेमेज_कंट्रोल*

सरकार विधायकों की बढ़ती मांगो को आर्थिक संकट के चलते कैसे पूरा करेंगी यह एक बड़ा प्रश्न है।


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04 मार्च 2024- (#हिमाचल_का_राजनैतिक_संकट_और _डेमेज_कंट्रोल)-

Tct chief editor

अभी तक हिमाचल सरकार और कांग्रेस अपने राजनैतिक संकट से उभर नहीं पाई है। कांग्रेस के रणनीतिकार प्रबंधन करने मे जुटे है अभी तक का अवलोकन बताता है कि इस सरकार के तारणहार स्पीकर बन कर सामने आए है। मेरी समझ मे असन्तुष्टो की बगावत के बाद सोई ही सरकार मे कुछ हलचल दिखाई दे रही है। लगातार बैठके हो रही है। मंत्रीमंडल की बैठकों मे निर्णय लिए जा रहे है। अधिकारियों के स्थानतंरण किए जा रहे है, गुप्तचर विभाग का मुखिया भी बदला गया है। कर्मचारियों के स्थानतंरण पर से प्रतिबंध हटा लिया गया है, लेकिन सरकार के ब्यान और एक्शन बता रहे है कि खतरा अभी टला नहीं है। विक्रमादित्य और प्रतिभा सिंह के तेवर अभी भी तल्ख है। बागी विधायकों को काले नागों से सम्बोधन निश्चित तौर पर प्रदेश के मुखिया की भाषा नहीं हो सकती है। यह भाषा बताती है कि मुख्यमंत्री जी भविष्य को लेकर भयभीत है। अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुख्खू रेवडियां बांट सरकार को बचाने की कोशिश कर रहे है और होलीलाज के नज़दीकी विधायकों को कैबिनेट रैंक से नवाजा जा रहा है। अभी तक यह रैंक उनके व्यक्तिगत दोस्तो के लिए सुरक्षित थे, अब विधायकों को दिए जा रहे है।

विक्रमादित्य के साथ पत्रकार वार्ता मे उपस्थित दोनो विधायकों का सुरक्षा घेरा बढ़ा दिया गया है। मेरी समझ मे यह सारा प्रबंधन बहुत ही अस्थाई है। आने वाले दिनो मे सरकार पर दबाव बढ़ेगा और हर विधायक ब्लैकमेल करने की कोशिश करेगा। सरकार विधायकों की बढ़ती मांगो को आर्थिक संकट के चलते कैसे पूरा करेंगी यह एक बड़ा प्रश्न है। कांग्रेस के इस संकट के लिए मुख्यमंत्री की कार्यप्रणाली के अतिरिक्त कांग्रेस का कमजोर नेतृत्व भी जिम्मेदार है। वर्तमान कांग्रेस की अपनी कोई विचारधारा नहीं बची है। मेरे विचार मे विचार विहीन संगठन सत्ता सुख भोगने वाले एक गिरोह मे परिवर्तित हो जाता है, फिर देर-सवेर उस सत्ता सुख की हिस्सेदारी को लेकर ही विवाद पैदा हो जाता है और संवादहीनता के चलते यह विवाद पार्टी के भीतर गृह युद्ध मे परिवर्तित हो जाता है। इस स्थिति का निश्चित तौर पर विरोध पक्ष लाभ लेने का प्रत्यन करता है। कांग्रेस के रणनीतिकारों को उत्पन्न इस स्थिति की गहराई से विवेचना एवं चिंतन करना होगा और फिर स्थाई डेमेज कंट्रोल का एक्शन प्लान बनाना होगा।

#आज_इतना_ही।

 

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