*सिरिंज भी प्रतिबंधित दवाई की सूची में शामिल होनी चाहिए*
सिरिंज भी प्रतिबंधित दवाई की सूची में शामिल होनी चाहिए।
आज अख़वार में प्रकाशित लेख से खुलासा हुआ कि 91प्रतिशत इंजेक्शन का इस्तेमाल नशे के लिए किया जा रहा हैं ।नशा करने वाला हर दूसरा व्यक्ति हेपेटाइटिस सी ,एचआईवी से संक्रमित हो रहा हैं।इण्डियन जर्नल ऑफ़ मेडिकल रिसर्च ने शोधकर्ता के सर्वे पर आधारित रिपोर्ट में ख़ुलासा किया हैं कि उत्तर पूरब राज्य में इंजेक्शन की लत से युवा वर्ग कई बीमारियों की चपेट् में आ रहे हैं उन में प्रमुख एचआईवी ,एड्स हैं ।
हिमाचल प्रदेश इस से अछूता नहीं हैं ।हाल में स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की मुहिम में नूरपुर ज़िला काँगड़ा में नशा ग्रस्त 119 युवा का टेस्ट किया गया 82 युवा हेपेटाइटस ,32 एचआईवी से पॉज़िटिव पाये गये।यदि इसी तरह ये आकडा बढ़ता गया तो हिमाचल के युवा वर्ग का क्या होगा अभी तो टेस्ट एक ब्लॉक में हुए।मेरा प्रबुद्ध वर्ग से अनुरोध हैं कि वो इस कार्य के लिए आगे आये ।सीरिज़ को प्रतिबंधित सूची में डलवाने का प्रयास करे। हिमाचल के भविष्य को बचने का प्रयास अति आवश्यक हैं।अन्यथा परिणाम भुगतने को हम तैयार रहे।