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*कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 100 एकड़ जमीन को टूरिज्म विलेज के नाम पर देना न्याय संगत नही विश्वविद्यालय की जमीन की बजाय कहीं और दी जाए जमीन . प्रवीण शर्मापूर्व विधायक*

 

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*कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर की 100 एकड़ जमीन को टूरिज्म विलेज के नाम पर देना न्याय संगत नही विश्वविद्यालय की जमीन की बजाय कहीं और दी जाए जमीन . प्रवीण शर्मापूर्व विधायक*

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क्या चौधरी सरवन कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर द्वारा टूरिजम विलेज के लिए 100 एकड यानि 2600 कनाल ज़मीन का एन ओ सी देना न्याय संगत है :- प्रवीन कुमार पूर्व विधायक.. यह आवाज उठाते हुए पालमपुर के पूर्व विधायक प्रवीन कुमार का कहना है कि प्रदेश सरकार द्वारा जिला कांगड़ा को पर्यटन की राजधानी बनाये जाने का वह जोरदार शब्दों में स्वागत करते हैं। लेकिन इस एवज में कभी वनखण्डी में प्रस्तावित चिड़िया घर के लिए पालमपुर स्थित गोपालपुर के चिड़िया घर से वन्य प्राणियों को वहाँ शिफ्ट करने का निर्णय तो कभी टूरिजम विलेज के लिए 100 एकड़ यानि 2600 कनाल जमीन कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से लेने का निर्णय लिया जा रहा है। पूर्व विधायक ने कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है कि वह दानवीर कर्ण न बने अपितु इस विषय पर गम्भीरता से चिन्तन करें कि यह कृषि प्रधान देश के किसानों के बेटे बेटियों के लिए कृषि शिक्षा के प्रचार , प्रसार व अध्ययन का पावन एवं पवित्र मन्दिर है। निकट भविष्य में इस संस्‍थान के केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय बनने की प्रबल सम्भावनाएँ है। पूर्व विधायक ने कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ साथ प्रदेश सरकार को अवगत करवाना चाहा है कि इसी विश्वविद्यालय में पूर्व में रहे तीन तीन उप कुल पतियों द्वारा तथ्यों एवं तर्कों से तैयार ड्राफ्ट इस विश्वविद्यालय की पदोन्नति के लिए भारत सरकार की सेवा में प्रेषित है। जिसकी कि इस विश्वविद्यालय के निर्माता एवं पूर्व मुख्यमन्त्री श्री शान्ता कुमार जी ने भी दृढ़ता से अनुशंसा एवं जोरदार ढंग से पैरवी की है। पूर्व विधायक ने कृषि विश्वविद्यालय प्रशासन से कहा है कि कहीं सत्ताधारी नेताओं के दबाव में आकर एन ओ सी जारी करने से पहले यह जरूर चिन्तन करें कि हिन्दुस्तान की पाकिस्तान ओर चीन से लड़ाई केबल ज़मीन के टुकड़े को लेकर है। इसी के साथ पूर्व विधायक ने कहा कि वह इस प्रस्तावित टूरिजम विलेज के बिलकुल विरोधी नहीं है । उन्होंने सुझाव दिया है इस प्रस्तावित टूरिजम विलेज को विलेज की भाषा में ही परिभाषित करते हुए शहर की बजाय जहाँ स्व चन्द्र कंबल जीत जी ने पालमपुर स्थित भगोटला आदि में 3500 कनाल जमीन सरकार को दान के रूप में दी है वहाँ बना दिया जाए तो सबसे बढिया रहेगा ।

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